..'''''चौंरमुट्ठा'''''..
..'''''चौंरमुट्ठा'''''..
हमतैं रोजना ठगाणा छन ।
भाषणों फूल सूंघाणा छन ।।
बजटों छकै् उज्याड़ खैकि ।
लोकतंत्रा घंटी बजाणा छन ।।
चल्दा इस्कोलों ताळा लैगिं ।
कै शिक्षा ज्ञान बटाणा छन ।।
गूंणी बंदरों आजादी देकि ।
मनख्यूं भैर भजाणा छन ।।
मोळा माद्यो देवभूमि बणि ।
वोटों मांगल लगाणा छन ।।
बीस सालम् कतग विकास ।
अंध्यरम तीर चलाणा छन ।।
माया तामि खूब सपोड़िक ।
सुरा राग मा डूबाणा छन ।।
सुख सुविधों रुमुक प्वड़िं ।
सब लोग इनि बताणा छन ।।
कळेजा रुंग्ड़ि स्वीणा बुखै ।
यो हमर ज्यू जलाणा छन ।।
बुनै जनसेवा का नौ फरि ।
बस चौंरमुट्ठा हलाणा छन ।।