गौं गौं की लोककला

खमण (द्वारीखाळ ) में घनश्याम कुकरेती की निमदारी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन, नक्कासी

सूचना व व फोटो आभार : बिमल कुकरेती , खमण

Copyright

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 141

खमण (द्वारीखाळ ) में घनश्याम कुकरेती की निमदारी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन, नक्कासी

गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , कोटि बनाल ) काष्ठ कला अलंकरण अंकन, नक्कासी - 141

संकलन - भीष्म कुकरेती

खमण (ढांगू , द्वारीखाल ,पौड़ी ग ) की कुछ तिबारियों , निमदारियों की विवेचना पिछले अध्यायों में हो चुकी है। आज घनश्याम कुकरेती की निमदारी में लकड़ी पर नक्कासी की चर्चा होगी।

घनश्याम कुकरेती की निम दारी भी गढ़वाल की सामन्य निमदारी जैसे ही दुखंड /तिभित्या व दुपुर मकान में जंगला बिठकार निर्मित हुयी है।पहली मंजिल पर बिठाई गयी निमदारी आठ से अधिक स्तम्भों (खम्भों ) से निर्मित हुयी है। प्रत्येक स्तम्भ आधार पर दोनो ओर पट्टिकाएं कगायी गयी हैं जिससे स्तम्भ में कल अंकन आभास व मोटाई बढ़ जाती है। स्तम्भ के मुरिन्ड। मथिण्ड शीर्ष कड़ी से मिलने से पहले कुछ ज्यामितीय कटान से स्तम्भ की सुंदरता बधाई गयी है , रेलिंग धातु की है।

खमण में घनश्याम कुकरेती की निमदारी में ज्यामितीय अलंकरण अंकन के अतिरिक्त अन्य कोई अलंकरण नहीं हुआ है। खमण की यह निमदारी सामन्य किस्म की निम दारी की श्रेणी में आती है।

सूचना व फोटो आभार : बिमल कुकरेती , खमण

यह लेख भवन कला, नक्कासी संबंधित है न कि मिल्कियत हेतु . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020