गौं गौं की लोककला

बगोरी (नेलंग घाटी , उत्तरकाशी ) की एक निमदारी में काष्ठ कला , अलंकरण अंकन, नक्कासी

सूचना व फोटो आभार :

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 162

बगोरी (नेलंग घाटी , उत्तरकाशी ) की एक निमदारी में काष्ठ कला , अलंकरण अंकन, नक्कासी

बगोरी (नेलंग घाटी , उत्तरकाशी ) में भवन काष्ठ कला , अलंकरण , नक्कासी श्रृंखला -5

गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , कोटि बनाल ) में काष्ठ कला अलंकरण, नक्कासी - 162

संकलन - भीष्म कुकरेती

प्राप्त सूचना व फोटो अनुसार बगोरी में प्रस्तुत निमदारी वास्तव में जीर्णोधार हो रहा है या जीर्णोद्धार हो चूका है I बगोरी का भवन संख्या 5 दुपुर है व बगोरी प्रथा की तरह तल मंजिल संभवतया गौशाला या भंडार हेतु उपयोग होता रहा है जबकि अब तल मंजिल में दुकाने खुलने के संकेत हैं I तल मंजिल में लकड़ी का काम केवल दरवाजों पर हुआ है एवं दरवाजे पटिलों या तख्तों से निर्मित हुए हैं . तख्तों पर किसी प्रकार की उल्लेखनीय या साधारण नक्कासी के दर्शन नही होते हैं I बगोरी (नेलंग घाटी , उत्तरकाशी ) के भवन संख्या 5 के तल मंजिल में बरामदे को ढका नही ग्या है व खुला है I तल मंजिल से उपर पहली मंजिल में जाने हेतु बहर से सीढ़ी है जो परम्परागत शैली (आन्तरिक द्वार ) के मुकाबले अटपटा लगता है I

बगोरी (नेलंग घाटी , उत्तरकाशी ) के भवन संख्या 5 की निमदारी पहले मंजिल में स्थापित है I पहली मंजिल का फर्श लकड़ी का ही है व बाहर छज्जा भी काष्ठ कड़ीयों से निर्मित हुयी है I बरामदा या छज्जा /बालकोनी काफी लम्बा है I

बगोरी (नेलंग घाटी , उत्तरकाशी ) के भवन संख्या 5 के पहली मंजिल के लम्बे छज्जे पर निमदारी कसी गयी है I लम्बे छज्जे पर आठ से अधिक स्तम्भ दूरी पर स्थापित हैं व स्तम्भ मध्य ख्वाळ बड़े आकार के हैं I स्तम्भ छज्जा आधार से उठकर उपर मुरिंडकी कड़ी से मिल जाते हैं Iमुरिंड की कड़ी छत आधार पट्टिका के नीचे है I छत टिन की है जो भवन के जीर्णोधार की सूचना ही देता हैI छजे पर स्थापित स्तम्भ चौकोर व सपाट हैं और उन पर कोई कलाकारी अंकित नही हुयी है I

छज्जे पर ख्वाळ में दो फिट या ढाई फिट की ऊँचाई तक जंगला कसा गया है I .ख्वाळ पर जंगला सात लकड़ी के तख्तों से निर्मित है व जंगला जंगला न लगकर लकड़ी की आधी दीवार लग रही है I लकड़ी के तख्तों का यह जंगला भवन के दोनों ओर कसा गया है I तख्तों पर कोई कलाकृति दृष्टिगोचर नही होती है I

बाकी बगोरी (नेलंग घाटी , उत्तरकाशी ) के भवन संख्या 5 में प्रयोग लकड़ी के किसी भी भाग में कोई कलाकृति नही हुयी है I

निष्कर्ष निकलता है कि बगोरी (नेलंग घाटी , उत्तरकाशी ) के भवन संख्या 5 में केवल ज्यामितीय कटान हुआ है व अन्य कोई अलंकरण नही हुआ है I

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