गढ़वाली नाट्यकर्मियों, रंगमंचकर्मियों को स्मरण आवश्यक है

गढ़वाली नाट्यकर्मी -1 गढ़वाली नाट्यकर्मियों, रंगमंचकर्मियों को स्मरण आवश्यक है !

गढ़वाली नाट्यकर्मियों, रंगमंचकर्मियों को स्मरण आवश्यक है !

( गढ़वाली नाट्यकर्मी -1 )

- भीष्म कुकरेती

कुछ रचनाधर्मी ऐसे होते हैं जिनका योगदान भाषा प्रचार में बहुत होता है किंतु कालग्रसित इतिहास में इनके नाम दब जाते हैं जैसे हमारे कई संस्कृति प्रचारकों के साथ होता आया है।

गढ़वाली नाटक मंचन में गढ़वाली नाट्यकर्मियों , कलाकारों का महत्वपूर्ण स्थान है किन्तु उनका ब्यौरा एक मंच पर उपलब्ध नहीं है।

इस श्रृंखला में हम उन नाट्यकर्मियों की खोज करेंगे जिन्होंने गढ़वाली नाटकों में भाग लिया या पाठ खेला।

गढ़वाली नाटकों ने प्रवासियों के मध्य गढ़वाली बचाने /सुरक्षित रखने में सबसे अधिक योगदान दिया है। स्वतंत्रता पश्चात आधुनिक गढ़वाली नाटकों को प्रवास में सर्वपर्थम मंचन श्री जीत सिंह नेगी ने पवाण लगाई व इस पवाण के संरक्षक थी1928 में स्थापित मुंबई की 'गढ़वाल भ्रातृ मंडल जिसके तत्वाधान में शायद 1955 -60 मध्य जीत सिंह नेगी द्वारा रचित गीत नाटिका 'भारी भूल का मंचन हुआ। इस नाटक के बाद गढ़वाल भ्रातृ मंडल ने कई नाटक जैसे 'खाडू लापता ' बुड्या लापता अदि भी मंचित किये।

आज हम 'भारी भूल के नाट्यकर्मियों की याद तरोताजा करेंगे।

मुंबई में भारी भूल को मंचन करने में निम्न नाट्यकर्मियों ने भाग लिया था -

कुमारी शैला सुमन , कु. दिरजेकर , शिव प्रसाद बमरोड़ा , पातीराम बिंजोला , ख्यात सिंह रावत , पितंबर दत्त खंडूड़ी , ऐस पी उनियाल , गोकुलदेव , घनश्याम गोदियाल , कल्याण सिं, मोहन , प्रेम तथा श्याम सिंह गढ़वाली।

दिल्ली में भारी भूल का चार बार मंचन हुआ व मंचन में निम्न रंगकर्मियों ने सहयोग दिया था (लिस्ट अपूर्ण है ) -

कु काँटा , कु कमलेश , उमाशंकर चंदोला , सैनसिंह रावत , गंगा सिंह रावत , नारायण सिंह , सचिदानंद , श्याम सिंह रावत , गोविन्द सिंह नेगी , सत्ते सिंह रावत , कलम सिंह रावत , चंदन सिंह , पुरुषोत्तम शैली , चैत सिंह रावत।

देहरादून में भी भारी भूल का कई बार मंचन हुआ और मंचन के नाट्यकर्मी थे (लिस्ट अधूरी है ) -

कु कमला , मनोहर ध्ष्माना , जगदीश जुगरान , दयाराम कोठरी , नित्यानंद उप्रेती , सुंदर लाल उनियाल , महावीर नेगी , महावीर बड़थ्वाल , सतीश पुजारी , बंदिश कृष्ण, विशंबर थपलियाल

साथ में नेगी जी ने उल्लेख किया कि 'भारी भूल ' के संसोधन में श्री ललित मोहन थपलियाल व गीतों me पहाड़पन लाने के लिए श्री धरणेश्वर चंदोला का भी हाथ रहा है

यदि आपके पास नाट्यकर्मियों की जानकारी है तो उसे साझा करें अवश्य

संदर्भ : भारी भूल की प्रस्तावना (अपणी बात ) Thanks to Shri Harish Badola , Lucknow

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गढ़वाली रंगमंच नाट्यकर्ता , गढ़वाली नाट्यधर्मी श्रृंखला जारी - 2