हम खो गए है
बालकृष्ण डी ध्यानी देवभूमि बद्री-केदारनाथमेरा ब्लोग्सhttp://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/http://www.merapahadforum.com/में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
हम खो गए है
हम खो गए है
किसे ढूंढते ढूंढते
किसे ढूंढते ढूंढते
हर दरवाजे पर
हर दरवाजे पर
पता पूछते पूछते
पता पूछते पूछते
क्यों रो दिए ?
क्यों रो दिए ?
क्या खो दिये ?
क्या खो दिये ?
इस भीड़ में
इस भीड़ में
गुम से हो गए
गुम से हो गए
बढ़ती उम्मीदों
बढ़ती उम्मीदों
दबा सा दिया
दबा सा दिया
दिए की लौ सा
दिए की लौ सा
तड़पा सा दिया
तड़पा सा दिया
खामोश अब
खामोश अब
हम हो गए
हम हो गए
बैठ अकेले अकेले
बैठ अकेले अकेले
ऐ सब सोच गए
ऐ सब सोच गए
हम खो गए है
हम खो गए है
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