कुछ शब्द याद रखेंगे मुझे
बालकृष्ण डी ध्यानी देवभूमि बद्री-केदारनाथमेरा ब्लोग्सhttp://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/http://www.merapahadforum.com/में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
जब कुछ शब्द
जब कुछ शब्द
याद रखेंगे मुझे
याद रखेंगे मुझे
मैं शब्दों संग
मैं शब्दों संग
इस तरह बस जाऊँगा
इस तरह बस जाऊँगा
समाने तुम्हारे
समाने तुम्हारे
जब वो आ जायें तो
जब वो आ जायें तो
तो मैं भी
तो मैं भी
उन संग साथ आ जाऊँगा
उन संग साथ आ जाऊँगा
बिलकुल
बिलकुल
हैरानी होगी तुमको
हैरानी होगी तुमको
तब देख मुझे ऐसा
तब देख मुझे ऐसा
मै भी मंद मंद मुस्कुराऊंगा
मै भी मंद मंद मुस्कुराऊंगा
ख्वाहिश तुम्हारी फिर जागेंगी
ख्वाहिश तुम्हारी फिर जागेंगी
अपनी धाक जमकर तुम पर
अपनी धाक जमकर तुम पर
मै तुम पर फिर छा जाऊंगा
मै तुम पर फिर छा जाऊंगा
उन शब्दों संग हम दोनों
उन शब्दों संग हम दोनों
कितने साल साथ रहे थे
कितने साल साथ रहे थे
हम दोनों के बिछोह में भी
हम दोनों के बिछोह में भी
वो हरपल आस पास रहे थे
वो हरपल आस पास रहे थे
दे जाते थे साँसों को भरोसा
दे जाते थे साँसों को भरोसा
उस सुखद कल के आने का
उस सुखद कल के आने का
उन शब्दों में मैं तो बसा हूँ
उन शब्दों में मैं तो बसा हूँ
तुम भी उन संग घुल जाना
तुम भी उन संग घुल जाना
रहे ना रहे ये नश्वर अंग हमारा
रहे ना रहे ये नश्वर अंग हमारा
कुछ ऐसा शब्द तुम रच आना
कुछ ऐसा शब्द तुम रच आना
राह बैठा हूँ मैं शब्दों को लेकर
राह बैठा हूँ मैं शब्दों को लेकर
मुझ से इन शब्दों को ले आते वक्त
मुझ से इन शब्दों को ले आते वक्त
किसी और को भी जीवन दे आना
किसी और को भी जीवन दे आना
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