--: बदरियों से बात :-

छायाकार आदरणीय

Dinesh Kandwal

भैजी की फोटो पर जलहरण घनाक्षरी छंद


--: बदरियों से बात :-


रिमझिम रिमझिम, बरसना बदरियो

आना संभल संभल, कुछ ठहर ठहर।


मुंड में घास गडोली, टेड़ी हैं पगडंडियां

बाट मेरी अभी बाकी, आना पर रुककर।


झरना प्यार प्रेम से, गाड़ गदेरी न लाना

बचाना मेरी पुंगड़ी, मत मचाना कहर।


घाम अवसान पर, गोधूली का आगमन,

हो जाएगी रात मुझे, अभी दूर मेरा घर।


@ बलबीर राणा 'अड़िग'