© नरेश उनियाल,
ग्राम -जल्ठा, (डबरालस्यूं ), पौड़ी गढ़वाल,उत्तराखंड !!
सादर सुप्रभात, नमस्कार प्रिय मित्रों... 🙏🌹
आज एक रचना उन कोरोना योद्धाओं को समर्पित कर रहा हूँ, जो अपनी जान को जोखिम में डालकर आपकी और हमारी जान बचा रहे हैं !!
लीजिये.. आप भी इन योद्धाओं को सलाम कीजिये..
'कोरोना' से तुझे बचाने,
भरी दुपहरी, बिन जल,खाने,
कानून व्यवस्था चुस्त बनाने,
सड़को पर जो रहे हैं डोल,
कलम आज,उनकी जय बोल !!
दूर हैं जो, अपने घर, जन से,
कर रहे इलाज जो, तन से मन से,
देश के खातिर, हर पल छन से,
नेत्र रात भर, खड़े हैं खोल,
कलम आज उनकी जय बोल !!
कुछ योद्धा, खाना बाँट रहे,
सब्ज़ी और राशन बाँट रहे,
दवा, मास्क जो बाँट रहे,
उन लोगों का, बलिदान तोल,
कलम आज उनकी जय बोल !!
गद्दार खड़े कुछ, राहों मे,
बो रहे हैं काँटे, राहों मे,
भारत गति' रोके राहों में,
उनकी भी तो, तू खोल पोल,
नरेश' आज उनकी जय बोल !!