© नरेश उनियाल,

ग्राम -जल्ठा, (डबरालस्यूं ), पौड़ी गढ़वाल,उत्तराखंड !!

सादर शुभ संध्या प्रिय मित्रों...

एक अनुरोध.. भारतीयों से....

"हरियाली हो ! खुशहाली हो !!"

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जदपि करोना ने है रुलाया,

एक सबक सुंदर सिखलाया!!

देखो रौनक जरा धरा की,

धुल गई मूरत वसुंधरा की !!

गर धरणी की रखवाली हो,

हरियाली हो ! खुशहाली हो!!1!!


वृक्षारोपण काज पुण्य का,

लो यह निर्णय आज पुण्य का !!

वृक्ष लगा, फल-छाया वाला,

बनिए धरती का रखवाला,

हर घर में एक एक डाली हो,

हरियाली हो ! खुशहाली हो!!2!!


आओ एक शपथ करते हैं,

धूल, धुआं कुछ कम करते हैं !!

जल-परदूषण,मृदा-प्रदूषण,

ये कलजुग के हैं खर-दूषण!!

इनसे गर धरती खाली हो,

हरियाली हो ! खुशहाली हो!!3!!

फोटो... मेरा गांव...जल्ठा !!

साभार.. आदरणीया... डॉ.हेमा उनियाल जी.. 🌹🌺