नागटिब्बा

नागटिब्बा में बिखरा है समृद्धि का खजाना, दुनियाभर में प्रसिद्ध है यहां पाई जाने वाली वज्रदंती

नागटिब्बा ट्रैकिंग

जो लोग ट्रैकिंग और सहासिक गतिविधियों में रुचि रखते हैं उनके लिए घने जंगलों से घिरी और प्राक्रतिक सौन्दर्य से भरपूर नागटिब्बा की पहाड़िया एक बेहतर अवसर प्रदान करती हैं, नागटिब्बा से हिमालय का मनोरम दृश्य दिखाई देता है | थत्यूड नागटिब्बा ट्रैकिंग के लिए आधार स्थल है | थत्यूड चंबा मसूरी रोड पर स्थित सुवाखोली नामक स्थल से लगभग 16 कि . मी . की दुरी पर स्थित एक छोटा सा क़स्बा है | यहाँ से पर्यटन स्थल धनोल्टी की दुरी लगभग २३ कि.मी. है| अलगाड नदी घाटी में बसे थत्यूड से 7 कि.मी. की दुरी पर देवलसारी होते हुए ट्रैक नागटिब्बा तक जाता है | देवलसारी में रहने की व्यवस्था के रूप में वन विभाग का विश्राम गृह है जहाँ रुका जा सकता है | यहाँ से 14 कि.मी. की दूरी पर नागटिब्बा स्थित है | नागटिब्बा समुद्र तल से 3048 मी. की ऊंचाई पर स्थित है | यहाँ एक छोटा सा मंदिर भी है | नागटिब्बा से हिमालय की बंदर पूंछ पर्वत माला का शानदार और आकर्षक दृश्य दिखाई देता है | सर्दियों में यहाँ की पहाड़ियां बर्फ से घिरी रहती हैं तथा गर्मियों में यहाँ का मौसम बहुत सुखद रहता है |

नागटिब्बा शब्द का प्रथम भाग नाग देवता को एवं दूसरा भाग स्थानीय भाषा में शिखर या पहाड़ी को प्रदर्शित करता है | यहाँ के ग्रामवासी अपने जानवरों की सुरक्षा हेतु नाग देवता से प्राथना करने यहाँ आते है|

Nag Tibba (नाग टिब्बा)

Description

Nag Tibba, 3,022 metres, is the highest peak in the lesser himalayan region of Uttarakhand state, and lends its name to the 'Nag Tibba Range', itself the next-northerly of the five folds of the Himalaya.

Elevation: 3,022 m

Prominence: 927 m

Parent range: Himalayas

Mountain range: Himalayas, Garhwal Himalaya

प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नागटिब्बा पर्यटन के लिहाज से ही नहीं दुर्लभ प्रजाति की जड़ी-बूटियों के लिए भी मशहूर है।

नैनबाग(टिहरी) टिहरी जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नागटिब्बा पर्यटन के लिहाज से ही नहीं, दुर्लभ प्रजाति की जड़ी-बूटियों के लिए भी मशहूर है। यहां पाई जाने वाली वज्रदंती तो दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यही वजह है कि पर्यटकों के अलावा जड़ी-बूटी विशेषज्ञ भी समय-समय पर यहां आते रहते हैं। हालांकि, जरूरी सुविधाओं के अभाव में कोई यहां ठहरना पसंद नहीं करता।

जिला मुख्यालय नई टिहरी से 130 किमी दूर जौनपुर ब्लॉक का यह प्रसिद्ध पर्यटक स्थल समुद्रतल से दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मुख्य मार्ग से इसकी पैदल दूरी छह किमी है। घने जंगल के बीच फैले इस हरे-भरे मैदान से हिमाच्छादित चोटियां साफ दिखाई पड़ती हैं। सर्दियों में अधिकांश समय यहां बर्फ जमी रहती है। प्रकृति की इसी सुंदरता को आत्मसात करने हर साल छह हजार से अधिक पर्यटक और ट्रैकर यहां पहुंचते हैं।

नागटिब्बा पर्यावरण समिति के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह पंवार और ग्रामीण गंभीर सिंह चौहान के अनुसार नागटिब्बा को पर्यटन सर्किट से जोड़ने की बात हुई थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कारगर प्रयास नहीं हुए। यदि पर्यटकों के लिए यहां खाने-ठहरने के बेहतर इंतजाम हों तो क्षेत्र की किस्मत संवर सकती है।

नागटिब्बा के लिए एक रास्ता मसूरी से सुवाखोली, थत्यूड़, बंगसील और देवलसारी होते हुए जाता है। देवलसारी से ही नागटिब्बा के लिए असली ट्रैक शुरू होता है। यहां से नागटिब्बा 12 किमी की दूरी पर है। अधिकतर ट्रैकर इसी ट्रैक को इस्तेमाल करते हैं। वहीं, प्रभागीय वनाधिकारी कहाकशां नसीम ने बताया कि मसूरी मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत यहां पर सुविधाएं बहाल करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिए गए हैं। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

ऐसे पड़ा नागटिब्बा नाम

नागटिब्बा में नागराजा का प्राचीन मंदिर भी है, जो क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र है। इसी निमित्त यहां हर साल जून में धार्मिक और पर्यटन मेले का आयोजन होता है। नाग देवता का स्थान होने के कारण ही इसका नाम नागटिब्बा पड़ा।