गौं गौं की लोककला
संकलन
भीष्म कुकरेती
कनौली (टिहरी गढ़वाल ) में सत्या नंद बडोनी के जंगलादार कूड़ में काष्ठ कला
सूचना व फोटो आभार : सत्या नंद बडोनी , कनौली
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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020
उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 67
कनौली (टिहरी गढ़वाल ) में सत्या नंद बडोनी के जंगलादार कूड़ में काष्ठ कला
टिहरी गढ़वाल , उत्तराखंड , हिमालय में भवन काष्ठ कला अंकन - 1
गढ़वाल, उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार ) काष्ठ , अलकंरण , अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 67
संकलन - भीष्म कुकरेती
जैसे जैसे तिबारी कला मंहगी होती गयी व तिबारी निर्माण कलाकारों उपलब्धि कम होती गयी , जंगलों पर सरकारी शिकंजा अधिक कसता गया , गढ़वाल में तिबारी की जगह जंगलेदार मकान निर्माण का प्रचलन शुरू हुआ। शायद 1945 के बाद जंगलेदार मकानों का प्रचलन शुरू हुआ होगा जो 1950 के बाद प्रचलन में वृद्धि हुयी होगी।
ऐसी ही एक कनौली गाँव , विकास खंड कीर्ति नगर , टिहरी गढ़वाल में सत्त्या नंद बडोनी के जंगलेदार मकान की सूचना मिली है। भवन काफी पुराना है। एक खंड है तो 6 कमरों और दुखंड हो जंगल 12 कमरों का है। पहली मंजिल पर काष्ठ जंगल बंधा है। जंगल में 20 लगभग स्तम्भ हैं जिनका आधार लकड़ी का छज्जा है व छज्जा लकड़ी के दासों पर टिके हैं। स्तम्भ आधार पर ढाई फिट ऊंचाई तक दोनों ओर खपची लगी हैं जिससे स्तम्भ आधार मोटा ही नहीं दीखता अपितु नयनाभिरामी छवि भी बन जाती है। खपची से ही जंगल या रेलिंग है।
स्तम्भ सपाट हैं व सीधे छत आधार काष्ठ पट्टिका से मिल जाते हैं , छज्जा पट्टिका अथवा छत आधार पट्टिका में ज्यामितीय कला के अतिरिक्त प्राकृकित व माविय कला उत्कीर्ण नहीं है। बड़े ऊँची खिड़कियों से साफ़ जाहिर है मकान नया ही है याने 1950 के बाद का ही।
ज्यामिति कला वाला सत्या नंद बडोनी के जंगलेदार मकान की भव्यता इसे बड़े आकर में है।
सूचना व फोटो आभार : सत्या नंद बडोनी , कनौली
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020