गौं गौं की लोककला

संकलन

भीष्म कुकरेती

ग्वील (ढांगू गढ़वाल ) में पूर्णा नंद कुकरेती की तिबारी में काष्ठ कला /अलंकरण

सूचना व फोटो आभार : मूल राकेश कुकरेती व सहायक सूचना चक्रधर कुकरेती

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 50

ग्वील (ढांगू गढ़वाल ) में पूर्णा नंद कुकरेती की तिबारी में काष्ठ कला /अलंकरण

ग्वील गाँव में भवन काष्ठ कला /अलंकरण (तिबारी , जंगलादार मकान , निंदारी ) भाग - 3

ढांगू गढ़वाल , हिमालय की तिबारियों/ निमदारियों / जंगलों पर काष्ठ अंकन कला - 29

दक्षिण पश्चिम गढ़वाल (ढांगू , उदयपुर , डबराल स्यूं अजमेर , लंगूर , शीला पट्टियां ) तिबारियों , निमदारियों , डंड्यळियों में काष्ठ उत्कीर्णन कला /अलंकरण

गढ़वाल, उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 50

संकलन - भीष्म कुकरेती

ग्वील को जसपुर, पूर्यत की तरफ या बिजंरा या बड़ेथ की ओर से देखने में जो कूड़ या मकान बरबस ध्यान खींचते थे (आज भी ) वे मकान थे सफेद कूड़ व जम्मुन का कूड़ . सफेद कूड़ ग्वील में ऊपरी जगह में जम्मुन का कूड़ अलग है। आज सफेद कूड़ में तिबारी का विवेचन किया जाएगा।

सफेद कूड़ (मकान ) पूर्णा नंद कुकरेती के दादा ने निर्मित कराया था किन्तु अब मिल्कियत बदल गयी है।

मकान तिभित्या (तीन दिवार ) याने एक कमरा अंदर व एक बाहर व पहली मंजिल पर दो बाहर के कमरों में दिवार न हो बरामदा निर्मित होता था व बरामदे को तिबारी से ढका या अकंकृत किया जाता था। सफेद कूड़ याने पूर्णा नंद कुकरेती के मकान में भी ढांगू /उदयपुर की भाँती ही तिबारी है (बाद में इसे सीमेंट के जंगले से ढक दिया गया था )

टीबार में चार स्तम्भ हैं व स्तम्भ तीन मोरी /द्वार /खोळी बनाते है व किनारे पर स्तम्भ दीवार से नक्कासीदार कड़ी के माध्यम से जुड़े हैं।

पूर्णा नंद कुकरेती की तिबारी में स्तम्भ शीर्ष में मेहराब या तोरण नहीं अपितु चौखट नुमा ही है। कायस्थ स्तम्भ का आधार अन्य तिबारियों के स्तम्भ आधार से अलग दीखता है व स्तम्भ पर अलंकरण में भी भिन्नता है , गोलाई कम अलंकृत है। स्तम्भों पर शंकु नुमा आकृतियां उत्कीर्ण हुयी है। ब्रैकेट भी है जिनमे आकृति विशेष हैं जो ग्वील की अन्य तिबारियों से अलग हैं

स्तम्भ शीर्ष /मुण्डीर /मुरिन्ड में नक्कासी वानस्पतिक ही है किन्तु कम उभर कर आयी है उतना नहीं जितना स्तम्भ में शंकुनुमा आकृतियां या ातमभ ब्रैकेट /दीवारगीर में अलंकरण।

सफेद कूड़ या पूर्णा नंद कुकरेती की इस तिबारी में कला अलकनकरण की सूचना आणि अभी बाकी ही है। फिर भी कहा जा सकता है सफेद कूड़ या पूर्णा नंद कुकरेती की तिबारी की अपनी विशेषता है और कई रूप में ढांगू की तिबारियों से भिन्न आभास देती है .

सूचना व फोटो आभार : मूल राकेश कुकरेती व सहायक सूचना चक्रधर कुकरेती

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020