© नरेश उनियाल,

ग्राम -जल्ठा, (डबरालस्यूं ), पौड़ी गढ़वाल,उत्तराखंड !!

सादर नमस्कार प्रिय मित्रों..

आज आपके सम्मुख एक गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ........ध्यान चाहूंगा आपका....समाद फरमाइयेगा....

"अफवाह"

"अफवाह है फैली हुई,

मैं मीत तेरा हो गया,

बिन मिले देखे बिना,

मैं प्रीत तेरा हो गया !!


जानते तो है नहीं,

सुरताल लय भी चाहिए,

बस फकत कह दे रहे,

मैं गीत तेरा हो गया !!


गुनगुनाया तो नहीं,

सरगम का 'स' हमने कभी,

चरचा सरे बाजार है,

संगीत तेरा हो गया !!


अच्छा है,अफवा ही सही,

वायज मिलन की बन गई,

तू भा गई मन को मेरे,

मैं मनमीत तेरा हो गया !!


कर शुक्रिया उनका 'नरेश',

अफवाह फैलाये हैं जो,

उन निंदकों के ही वजह,

यह गीत तेरा हो गया !!