गौं गौं की लोककला

उज्याड़ी (गग्वाड़स्यूं ) में कठैत परिवार की निमदारी में काष्ठ कला , लकड़ी नक्काशी

सूचना व फोटो आभार : मनमोहन कठैत

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 189

उज्याड़ी (गग्वाड़स्यूं ) में कठैत परिवार की निमदारी में काष्ठ कला , लकड़ी नक्काशी

गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला अलंकरण अंकन; लकड़ी नक्काशी - 189

संकलन - भीष्म कुकरेती

पौड़ी गढ़वाल में गग्वाड़ स्यूं पट्टी में उज्याड़ी गांव में कठैत परिवार की यह निमदारी गाँव की पहली निमदारी होने के कारण इस परिवार को निमदारी वळ नाम पड़ गया था , प्रस्तुत कठैत परिवार की निमदारी सन 1960 के लगभग राम सिंह कठैत , राजेंद्र कठैत , सुरेश कठैत व उनकी भाभी ने मिलकर निर्माण करवाया था।

उज्याड़ी गांव की प्रस्तुत कठैत परिवार की निमदारी सामन्य गढ़वाली निमदारी जैसे ही है। उज्याड़ी गांव में कठैत परिवार की निमदारी दुपुर , दुघर मकान के पहली मंजिल पर स्थापित है। उज्याड़ी गांव में कठैत परिवार की निमदारी तेरा खाम्या (13 स्तम्भ ) की है। उज्याड़ी गांव में कठैत परिवार की निमदारी के स्तम्भ लकड़ी के छज्जे की कड़ी पर स्थित हैं व सीधे ऊपर जाकर सीधी कड़ी से मिल जाते हैं। स्तम्भ के आधार पर स्तम्भ को मोटाई दी गयी है व बाकी स्तम्भ में कोई कलाकारी नहीं हुयी है। दो स्तम्भों के मध्य दो रेलिंग (कड़ी ) की सहायता से जंगल निर्मित हुआ है। रेलिंग व जंगल में भी कोई विशेष कला नहीं दिखी।

अपने गांव में उज्याड़ी गांव में कठैत परिवार की निमदारी पहली निमदारी होने के कारण तिबारी का ऐतिहासिक महत्व है व उज्याड़ी गांव में कठैत परिवार की निमदारी ने उज्याड़ी व कठैत परिवार को विशेष पहचान भी दी है।

सूचना व फोटो आभार : मनमोहन कठैत

यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत हेतु . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .

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