उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास भाग -26

उत्तराखंड परिपेक्ष में प्याज का इतिहास

उत्तराखंड परिपेक्ष में सब्जियों का इतिहास - 2 उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास --26

उत्तराखंड परिपेक्ष में अल्लु /आलू का इतिहास

उत्तराखंड परिपेक्ष में सब्जियों का इतिहास - 2

उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --26

आलेख : भीष्म कुकरेती

Botanical Name- Solanum Tubersum

Common Name- Potato

Local name- अल्लु /आलू

आलू भारत में एक ऐसी सब्जी है कि जिसके बगैर रसोई घर के बारे में भारतीय सोच ही नही सकता है। किन्तु आलू का इतिहास भारत में तीन चार सौ साल ही पुराना है।

आलू का मूल स्थान अमेरिका महाद्वीप के दक्षिण पेरू है। अनुमान है कि पेरू या आस पास 8000 -5000 BC में आलू का उगाना शुरू हो गया था.

सोलहवीं सदी के मध्य स्पेनी लोग आलू को यूरोप लाये और फिर यूरोप में आलू का प्रसार हुआ ।

सत्तरहवीं सदी के प्रारम्भ में पुर्तगाली व्यापारी आलू को सूरत बन्दरगाह पर लाये। दक्षिण भारत व पश्चिम भारत में सामन्य भासा में आलू को बटाटा (पोटेटो का अपभ्रंश ) कहते है. पश्चिम भारत में आलू को पहले बटाटा सुरता कहते हैं और सूरत से ही आलू गोवा गया।

इडवार्ड टेरी ने 1615 में अजमेर में असफ खान द्वारा सर थॉमस रो को भोज में आलू परोसने की बात लिखी है (A Voyage to East India 1655) )।

आम भारतीय भाषाओं में आलू जमीन के नीचे उगे बल्ब को कहते हैं। सुरपाल द्वारा नागरी लिपि में लिखित प्राचीन संस्कृत पुस्तक 'वृक्षआयर्वेद 'में आलू का उल्लेख मिलता है (नलनी साधले , 1996 )

पहले पहल आलू के प्रति आम हिन्दुओं में विरोध जैसा व्यवहार था। आज भी आम जैन समाज आलू (जमीन के नीचे का कंद ) नही खाता है।

फ्रायर ने गार्डन ऑफ कर्नाटक (1875 ) पुस्तक में कर्नाटक के उद्यानों व खेतों में आलू उगाने का उल्लेख किया है।

तामिल नाडू में आलू की खेती 1882 ई से प्रारम्भ हुयी।

देहरादून से उत्तरी भारत में आलू कृषि प्रारम्भ !

मसूरी या अन्य पहाड़ियों में मेजर यंग ने उन्नीसवीं सदी के प्रारम्भ याने 1815 के बाद शायद 1823 ई से पहले या आस पास आलू की खेती प्रारम्भ की और देखते देखते 1828 तक उत्तराखंड की पहाड़ियों , पंजाब और हिमाचल आदि में आलू की खेती बखूबी प्रचलित हो चली। कैप्टेन मुंडी ने लिखा है कि 18 28 में शिमला में कुछ परिवार आलू की खेती कर रहे हैं

आसाम में 1830 ई में डेविड स्कॉट ने आलू की खेती प्रारम्भ की। ब्रिटिश राज में गढ़वाल व कुमाऊं में पहले पहल बांज के जंगलों में आलू उगाया जाता था

बंगाल में बोटनिकल गार्डन दार्जिलिंग में इंग्लैण्ड से लाये गये आलू बीज सन 1879 में बोये गए।

संस्कृत में आलू का अर्थ होता था जमीन के नीचे का जड़ इसीलिए मराठी में अदरक को आलू व आलू को बटाटा कहा जाता है।

Copyright @ Bhishma Kukreti 30/9/2013