तू पुकारेगा जरूर

बालकृष्ण डी ध्यानीदेवभूमि बद्री-केदारनाथमेरा ब्लोग्सhttp://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/http://www.merapahadforum.com/में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

तू पुकारेगा जरूर


तू पुकारेगा जरूर


किस काम की नहीं

अब रह गई है तू

आंखों में इन्तजार

बस दे गई है तू


साँसों की रफ्तार में

खोजा था साथ तेरा

हातों से छोड़ा कर हात

अकेला छोड़ गई है तू


तन्हा इतनी होगी तू

क्यों ना ये जान पाया

आखरी सफर था शायद

आकर गुजर गई


कैसे भरोसा करूँ तुझ पर

करीब तू आएगी जरूर

किसी ना किसी बहाने

अपने साथ ले जायेगी जरूर


कैसे अपना वाद मुझ से

तू निभाएगी बता

दरवाज मेरा खटखटाने से पहले

क्या तू मुझे बताएगी बता


रुखसत मेरे होने का

वक्त जब मुक़रार होगा

नाम मेरा शायद

तू पुकारेगा जरूर

बालकृष्ण डी. ध्यानी

@ सर्वाधिकार सुरक्षित

क्लिक करैं और पढ़ें