बालकृष्ण डी. ध्यानी
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हजारों कहानियां
बातें की थी
किसी ने तुम्हे कह दिया
वो ख़ुशी
अपने से
तेरी एक मुस्कान ही
बालकृष्ण डी. ध्यानी की हिंदी कविता