गौं गौं की लोककला

बुरांसी (पाबौ , पौड़ी गढ़वाल ) में 'निरंकार ठौ ' मकान में काष्ठ कला अलंकरण अंकन; लकड़ी नक्काशी

सूचना व फोटो आभार : सोहन सिंह

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 211

बुरांसी (पाबौ , पौड़ी गढ़वाल ) में 'निरंकार ठौ ' मकान में काष्ठ कला अलंकरण अंकन; लकड़ी नक्काशी

गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला अलंकरण अंकन; लकड़ी नक्काशी -211

संकलन - भीष्म कुकरेती

- मंदिरों व देवस्थलों में काष्ठ कला इस श्रृंखला का विषय नहीं है किन्तु प्रस्तुत निरंकार ठौ मकान में है तो इस पूज्य देवस्थल को इस श्रृंखला में स्थान दिया गया है। प्रस्तुत निरंकार ठौ के मकान में तीन तिबारियों की काष्ठ कला अंकन का विश्लेषण किया जायेगा। बुरांसी (पाबौं ) में निरंकार ठौ मकान में सात सात मुख्य स्थलों में काष्ठ कला की जांच की जाएगी - तल मंजिल में दो खोळियों, व पहली मंजिल में तीन तिबारियों में काष्ठ कला अंकन विश्लेषण; दो दो दीवालगीरों में काष्ठ कला अवलोकन तथा तिबारी व बुर्ज के ऊपर छत आधार पर लकड़ी पर नक्काशी ।

बुरांसी (पाबौं ) में निरंकार ठौ मकान ढैपुर , दुघर है व पौड़ी गढ़वाल के मकान शैली जैसे ही छज्जे को महत्व दिया गया है। (इस लेखक का अनुमान है पैडळस्यूं में छज्जा पत्थर उपलब्ध होने कारण पत्थर छज्जा शैली पौड़ी गढ़वाल में पली बढ़ी ) .

१- बुरांसी (पाबौं ) में निरंकार ठौ मकान में तल मंजिल में दो खोळियों में काष्ठ कला , अलंकरण अंकन :- बुरांसी (पाबौं ) में निरंकार ठौ मकान के तल मंजिल में दो खोळियां हैं। दोनों खोळियों में कला सामान है। खोली के बाहर दोनों और आयताकार पाषाण के सिंगाड़ (स्तम्भ ) हैं जिनके अंदर खोळियों के लकड़ी के सिंगाड़ (स्तम्भ ) हैं। खोळियों के दोनों ओर प्रत्येक काष्ठ स्तम्भ छह छह उप सिंगाड़ों या उप स्तम्भों से बने हैं उप स्तम्भों के आधार में मोटाई है व ऊपर सीधे हैं आधार से सभी स्तम्भ सीधे ऊपर जाते हैं व ऊपर बड़े चौड़े मुरिन्ड की तह (layer ) बन जाते हैं। प्रत्येक उप स्तम्भ की कड़ी के ऊपर जंजीर जैसे या पर्ण लता नुमा कला अंकित है।

चौड़ा मुरिन्ड के केंद्रीय चौखट में किनारे पर सांप आकृतियां व चौखट मध्य काल्पनिक आकृतियां (abstract ) अंकित हैं।

मुरिन्ड के अगल बगल में ऊपर बुर्ज या तिबारी जैसे बरामदे के आधार से दो दो काष्ठ गट्टों से निर्मित दीवालगीर स्थापित है। दोनों ओर के दीवालगीरों मध्य तीन चौखट हैं जिनके अंदर काल्पनिक आकृति अकन हुआ है। एक ओर के प्रत्येक दीवालगीर के ऊपर हाथी आकृति अंकन हुआ है।

२-बुरांसी (पाबौं ) में निरंकार ठौ मकान के पहली मंजिल में तिबारी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन - बुरांसी (पाबौं ) में निरंकार ठौ मकान के पहली मंजिल में आम तिबारियों जैसे चौखम्या -तिख्वळ्या )चार स्तम्भ व तीन ख्व्वाळ ) हैं। प्रत्येक सिंगाड़ /स्तम्भ छज्जे के ऊपर देहरी के ऊपर चौकोर पत्थर के डौळ के ऊपर स्थित हैं। सिंगाड़ (स्तम्भ) के आधार में उल्टे कमल दल से निर्मित कुम्भी है जिसके ऊपर ड्यूल है व ड्यूल के ऊपर सीधी (उर्घ्वगामी ) पद्म पुष्प दल है व जिसके ऊपर से सिंगाड़ (स्तम्भ ) लौकी नुमा शक्ल हासिल कर ऊपर बढ़ता है। जहां सिंगाड़ की मोटाई सबसे कम है वहां उल्टा कमल अंकित है जिसके ऊपर ड्यूल व उसके ऊपर सीधा कमल अंकित है। कमल दल के ऊपर एक चौखट है जहां स्तम्भ दो भागों में बंटता है एक भाग सीधा थांत (cricket bat blade ) की शक्ल ले ऊपर मुरिन्ड से मिल जाता है व प्रत्येक थांत के ऊपर छत आधार से दीवालगीर आती है या स्थापित है। दीवालगीरों में काल्पनिक कला अलंकरण अंकित हुआ है या चिड़िया चोंच व पुष्प केशर नाल आभासी कला अंकित है । कमल दल के बगल से बहुस्तरीय मेहराब का आधा चाप शुरू होता है जो दूसरे स्तम्भ के चाप से मिल पूरा मेहराब बना है। मेहराब के ऊपर त्रिभुज (चाप स्कंध ) में कलाकृति अंकित है। मेहराब के ऊपर चार पांच कड़ियों वाला मुरिन्ड है व इन कड़ियों के ऊपर प्राकृतिक अलंकरण अंकन हुआ है। मुरिन्ड के ऊपर छत आधार में तीन काष्ठ पट्टिकाएं स्थापित है। छत आधार के ऊपरी पट्टिका में शंकु लटके हैं व बाकी दो पट्टिकाओं के किनारे दांत व खांचा उभर कर आएं हैं व मकान को सुंदरता प्रदान करने में सफल हैं।

३- बुरांसी (पाबौं ) में निरंकार ठौ मकान के दोनों खोळियों के ठीक ऊपर व तिबारी के जंगल बगल बुर्ज (बरामदे ) हैं। बरामदे के बाहर तिबारी व तिबारी के स्तम्भ मध्य लकड़ी के जंगले हैं। तिबारी (बुर्ज /बरामदा) के बाहर तीन ओर कुल

सात सिंगाड़ (स्तम्भ ) छह ख्वाळ हैं ( सामने पांच स्तम्भ व चार ख्वाळ ) । दोनों ओर के बुर्जों में पूरी समानता है। बुर्ज के स्तम्भ के आधार खोळी के मुरिन्ड के ऊपर कड़ी में टिके हैं। बुर्ज के स्तम्भ आधार थांत (Cricket bat blade ) आकर के हैं व थांत के ऊपर सर्पीली पर्ण -लता का अंकन ( Spiral algae जैसे ) हुआ है। थांत आकृति के ऊपर स्तम्भ की आकर का हो जाता है या चारपाई के उल्टा पाया जैसा। स्तम्भ के सबसे कम मोटाई स्थल से स्तम्भ दो भागों में बंट जाता है। एक और स्तम्भ सीधा ऊपर थांत शक्ल ले मुरिन्ड (शीर्ष ) से मिलता है व थांत के ऊपर छत आधार से दीवालगीर हैं जैसे तिबारी में भी हैं। दूसरे भाग से मेहराब चाप बनते हैं। कला व आकृति हिसाब से छह के छह मेहराब लगभग तिबारी के मेहराबों जैसे ही हैं।

मेहराब के ऊपर तीन अलंकृत कड़ियों वाला मुरिन्ड है व मुरिन्ड के ऊपर छत आधार पट्टिका है। छत आधार पट्टिका से शंकु लटके हैं।

स्तम्भों के आधार पर मध्य ख्वाळ में दो रेलिंग (कड़ियों ) के बीच जंगला है। जंगले में + या क्रॉस आकर के उप स्तम्भ स्थापित हैं।

निष्कर्ष निकलता है कि बुरांसी (पाबौं ) में निरंकार ठौ मकान में ज्यामितीय , प्राकृतिक व मानवीय अलंकरण अथवा इल्मे -ए - हिंदसा , कुदरती व तमसीली सजावट की नक्काशी हुयी है।

सूचना व फोटो आभार : सोहन सिंह

यह लेख भवन कला संबंधित है . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .

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