उन दिनों कैसेट का प्रचलन खूब जोर-शोर से था। गीतों के व परम पूज्य गुरुदेव के प्रवचनों के कैसेट तैयार किये जा रहे थे। कैसेट के इनले कार्ड में परम पूज्य गुरुदेव का चित्र देने का निर्णय हुआ। जब वं० माताजी को एक नमूना दिखाया गया तो वं० माताजी ने कैसेट को उलट-पलट कर देखा और बोलीं, ‘‘बेटा! मुझे और गुरुजी को कभी अलग मत समझना।’’ फिर बोलीं, ‘‘बेटा, आने वाले समय में दुनिया अपनी समस्याओं का समाधान मेरे गीतों में और पूज्य गुरुजी के प्रवचनों में ढूँढ़ेगी।’’ - वं० माताजी
तुम न घबराओ न आँसू ही बहाओ तुम,
और कोई हो न हो पर मैं तुम्हारा हूँ।
मैं खुशी के गीत गा-गाकर सुनाऊँगा,
गा-गाकर सुनाऊँगा॥
तुम न घबराओ न आँसू ही बहाओ अब॥
मानता हूँ ठोकरें तुमने सदा खाई,
जिंदगी के दाँव में हारे सदा पाई।
बिजलियाँ दुःख की निराशा की सदा टूटी,
मन गगन पर वेदना की बदलियाँ छाई॥
पोंछ दूँगा मैं तुम्हारे अश्रु गीतों से,
तुम सरीखे बेसहारों का सहारा हूँ।
मैं तुम्हारे घाव धो मरहम लगाऊँगा॥
मैं विजय के गीत गा-गा कर सुनाऊँगा।
गा-गाकर सुनाऊँगा॥
तुम न घबराओ न आँसू ही बहाओ अब,
और कोई हो न हो पर मैं तुम्हारा हूँ।
मैं खुशी के गीत गा-गाकर सुनाऊँगा,
गा-गाकर सुनाऊँगा॥
तुम न घबराओ न आँसू ही बहाओ अब॥
खा गई इन्सानियत को भूख यह भूखी,
स्नेह-ममता को गई पी प्यास यह सूखी।
जानवर भी पेट का साधन जुटाते हैं,
जिन्दगी का हक नहीं है रोटियाँ रूखी॥
और कुछ माँगो, हँसी माँगो खुशी माँगो,
खो गये हो दे रहा तुमको इशारा हूँ।
आज जीने की कला तुमको सिखाऊँगा॥
जिन्दगी के गीत गा-गाकर सुनाऊँगा॥
गा-गाकर सुनाऊँगा॥
तुम न घबराओ न आँसू ही बहाओ अब,
और कोई हो न हो पर मैं तुम्हारा हूँ।
मैं खुशी के गीत गा-गाकर सुनाऊँगा,
गा-गाकर सुनाऊँगा॥
तुम न घबराओ न आँसू ही बहाओ अब,
और कोई हो न हो पर मैं तुम्हारा हूँ।
मैं खुशी के गीत गा-गाकर सुनाऊँगा,
गा-गाकर सुनाऊँगा॥
तुम न घबराओ न आँसू ही बहाओ अब॥