उन दिनों कैसेट का प्रचलन खूब जोर-शोर से था। गीतों के व परम पूज्य गुरुदेव के प्रवचनों के कैसेट तैयार किये जा रहे थे। कैसेट के इनले कार्ड में परम पूज्य गुरुदेव का चित्र देने का निर्णय हुआ। जब वं० माताजी को एक नमूना दिखाया गया तो वं० माताजी ने कैसेट को उलट-पलट कर देखा और बोलीं, ‘‘बेटा! मुझे और गुरुजी को कभी अलग मत समझना।’’ फिर बोलीं, ‘‘बेटा, आने वाले समय में दुनिया अपनी समस्याओं का समाधान मेरे गीतों में और पूज्य गुरुजी के प्रवचनों में ढूँढ़ेगी।’’ - वं० माताजी
1. आदमी आराध्य, सेवा साधना है आज मेरी audio
2. अगर चाहते हो निज रक्षा, गायत्री गुण-गान करो audio
3. आज मेरा मन तुम्हारे गीत गाना चाहता है audio
4. आओ आगत आओ कब से, होती यहाँ पुकार audio
5. आप हिमनग हैं, हमें सुरसरि बना दो audio
6. आप निज करुणा उड़ेलें, पात्र वह हमको बना लो audio
7. अक्षय कोष मिला जब मैंने, अपना सारा कोष लुटाया audio
8. अन्धकारमय पथ पर चमको, ओ मेरे ध्रुवतारा audio
9. अन्तर के निर्मल प्यार हो तुम, भगवान मेरा संसार हो तुम audio
10. अपने भक्तों में हमको बिठा लीजिये audio
11. अपने लिए जियूँ तो मेरा, जीवन नहीं मरण कह देना audio
12. बंदे तू औरों के काम नहीं आया audio
13. बन्धनों से प्रीति कैसी? audio
14. बसायें एक नया संसार, कि जिसमें छलक रहा हो प्यार audio
15. बाट जोह प्रभु! नयन थके हैं, आ न सके तो पास बुला लो audio
16. भगवान बसो इस मन में तुम, यह मन देवालय हो जाये audio
17. भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना audio
18. भले ही कहीं राह दिखती नहीं है audio
19. भटक रहा है जनम-जनम से हंसा भूखा प्यासा रे audio
20. बिना दर्शन किये तेरे, नहीं दिल को करारी है audio
21. ब्रह्मकमल सा खिलकर जीवन, प्रभु के चरणों पर चढ़ जाए
22. चैन आता नहीं प्यार बाँटे बिना, क्या करूँ प्यार की धार रुकती नहीं audio
23. चलो बदल दो राह समय की audio
24. चल रहा अंतःकरण में, रात-दिन चिंतन तुम्हारा
25. चर-अचर सभी जड़ चेतन में, हे नाथ तुम्हारा रूप दिखे audio
26. दर्द तुम्हारा प्यार तुम्हारा audio
27. दीपक सा तिल-तिल जलना ही audio
29. देख खुला है द्वार पुजारी audio
30. दे प्रभो! वरदान ऐसा, दे विभो वरदान ऐसा audio
31. दिव्य अनुदान देने खड़े देवता, है ललक किन्तु उपकार कैसे करें audio
32. दुःखी चरण लम्बी मंजिल से, लेकिन तनिक नहीं कतराया audio
33. गँवा दिया हमने जीवन में, धर्म और ईमान audio
34. गायत्री माँ की उपासना, ही जीवन का सार है audio
35. घट-घट में श्रीराम रमे हैं, जब चाहो दर्शन कर लेना audio
36. है उदास कुछ अन्तरतम यह, रत्नों का उपहार किसे दूँ audio
37. है यह बात सखे, स्थिर हम-तुम सबके मन में audio
38. हम अपना सब कुछ सौंप चुके, हे नाथ तुम्हारे चरणों में audio
41. हर विपदा में सृजन शिल्पियो audio
42. हे देव तुम्हारी पीड़ा का, मैं अश्रु बनूँ ढलती जाऊँ audio
43. हे हंसवाहिनी जगदम्बे, गायत्री माँ तुझ ध्यान धरूँ
44. हे नाथ याद तेरी, मन को सता रही है
45. हे प्रभु! मानव हृदय को, गगन सा विस्तार दे दो
46. हे प्रभु! ध्यान में तुम समाए हुए, हो नयन में तुम्हीं और मन में तुम्हीं
47. हो गये बहुत सुराख नाव में, मत जा तू मझधार रे
48. हो ईश्वर के अंश, आत्म-विश्वास जगाओ रे
49. हृदय से लगा लो या आँचल हटा लो
51. इस अखिल ब्रह्माण्ड में, बिखरे पड़े हैं प्राण मेरे
52. जब-जब सौ-सौ बाँह पसारे, खड़ा तिमिर हो बीच डगर में
53. जब स्वयं को विकल तुम अनुभव करोगे
54. जब तक है विश्वास लगन, दृढ़-क्षमता की पतवार
56. जीवन का अनुदान बिन्दु ने, महासिन्धु से पाया
59. जीवन्त है जगत में, कण-कण तुम्हीं से भगवन्
60. झनझना दे चेतना के, जड़ विनिर्मित तार को
62. जो हिमालय सा उठे जीवन, धरा पर नर वही है
63. ज्योतियाँ जिससे जलें अनेक, जलाओ ऐसा दीपक एक
65. कण-कण में मुस्काता है, मेरा प्यारा भगवान
66. कण-कण में समाए तुम, तुम्हें हमने पहचाना है
67. कौन है किसका यहाँ पर, हैं सभी आते अकेले
68. किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं
69. किये मंत्र जप माला फेरी, पूजन आठों याम का
70. कोठरी मन की सदा रख साफ बन्दे, कौन जाने कब स्वयं प्रभु आन बैठे
71. क्यों रुके हो? साधना के क्षेत्र में आगे बढ़ो
72. महामिलन की आशा मुझको, शरण तुम्हारे लाई है
73. मैं ढूँढ़ता तुझे था, जब कुञ्ज और वन में
75. मैं साथ तुम्हारे रहता हूँ, पहचान सको तो पहचानो
76. मन मैला ही रहा अगर तो उजला तन बेकार है
77. मत अंगार बिखेरो, वसुधा आज माँगती पानी
78. मेरा परिचय क्या पूछ रहे, रचयिता-रक्षक-पोषक हूँ
81. मुझे चाहिए और कुछ भी न भगवन, तुम्हारी शरण की मुझे कामना है
82. ना चाहें वरदान कोई हम, न चाहें अनुदान
83. न हो ओ साधक तू लाचार, मिलेगा नव बल का संचार
84. न मैं धाम-धरती न धन चाहती हूँ
85. न मैं स्वर्ग-मुक्ति न यश चाहती हूँ, मिलूँ तुममें प्रभु यह वर माँगती हूँ
86. नयन-नयन में हृदय-हृदय में विकल वेदना छाई
87. नये देश को मैं नयी भक्ति दूँगा, कि युग को नयी एक अभिव्यक्ति दूँगा
88. निंदिया बाई घर जइयो, जा घर राम भजन नहीं होय
89. ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
90. पर-पीड़ा से द्रवित हो उठा, जिसका तन-मन-जीवन सारा
91. पावन प्रीति लुटाते चलें, प्रेम की धारा बहाते चलें
92. पितु-मातु सहायक स्वामि सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो
93. प्रभु तुझमें मैं मिल जाऊँ, यह सुमन चढ़ाऊँ
94. प्रवासी रुक नहीं सकते, कभी मन के इशारे पर
95. प्रेमी भर तू प्रेम में, ईश्वर के गुण गाया कर
97. राम का नाम लेकर न जो पा सके, राम का काम करके वही पाओगे
98. राम नाम का अर्थ यही है, काम करें हम राम का
99. रात भर भोगा अँधेरा, घुटन अन्धापन झराने
100. सदा मन हमारा रहे घर तुम्हारा, यही कामना है यही याचना है
101. साँई का पंछी बोले रे, साँई का पंछी बोले
102. सामने दिव्य आलोक साकार था, जिन्दगी ही हमारी नमन बन गई
103. सम्पूर्ण सृष्टि मेरा विधान, मैं ही अदृश्य मैं दृश्यमान
104. सविता महान आपसे वरदान माँगते
105. सीख नहीं पाये चादर ओढ़ने का ढंग रे, मैली चादर पर कैसे चढ़ पाये रंग रे
106. सिहर-सिहर मन तुम्हें पुकारे, प्रभु दर्शन बिन बड़ा क्लेश है
107. स्नेह से तुम दीप सी मैं, जल रहे दोनों निरन्तर
108. सुख चाहे यदि नर जीवन का, जप ले प्रभु नाम प्रमाद न कर
109. सूक्ष्म में रम गये हो हमारे प्रभो, देख पायें तुझे वह नयन दीजिए
110. तजकर अपना रूप प्रभु जी, मैं पावन आकार हो गया
111. तेरा नूर सबमें समाया हुआ है, ये संसार तेरा बनाया हुआ है
112. थोड़ी सी साँसें पायी हैं, इनको नहीं गँवाना है
113. तुझे मिला कंचन सा जीवन, तूने उसे गँवाया
114. तू केवल रखवाला, तेरे साथ नहीं कुछ जाना रे
116. तुम्हारे दिव्य-दर्शन की, मैं इच्छा ले के आयी हूँ
117. तुम्हारे हैं हम प्रभु तुम्हारे रहेंगे, तुम्हारे लिए हम सभी कुछ सहेंगे
118. तुम्हें ईश्वर मिलेगा, यदि सरल मन हो तुम्हारा ही
119. तुम्हीं हो प्राण हम सबके, हमारी चेतना हो तुम
120. तुम न घबराओ न आँसू ही बहाओ तुम, और कोई हो न हो पर मैं तुम्हारा हूँ
121. तूने हमें जनम दिया, पालन कर रही हो तुम
123. विचार लो कि मर्त्य हो, न मृत्यु से डरो कभी
124. यह जीवन पुष्प समर्पित है, शुभ चरणों के अर्चन में
125. यह करुणा की धार, सूखने मत देना
126. युग ऋषिवर हे, जीवन का आधार तुम्हारा नाम है
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