किसी रात को
मेरी नींद चानक उचट जाती है
आँख खुल जाती है
मैं सोचने लगता हूँ कि
जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का
आविष्कार किया था
वे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषण
नरसंहार के समाचार सुनकर
रात को कैसे सोए होंगे?
क्या उन्हें एक क्षण के लिए सही
ये अनुभूति नहीं हुई कि
उनके हाथों जो कुछ हुआ
अच्छा नहीं हुआ!
यदि हुई, तो वक़्त उन्हें कटघरे में खड़ा नहीं करेगा
किन्तु यदि नहीं हुई तो इतिहास उन्हें
कभी माफ़ नहीं करेगा!
झुक नहीं सकते / अटल बिहारी वाजपेयी
जीवन की ढलने लगी साँझ / अटल बिहारी वाजपेयी
जीवन की ढलने लगी साँझ / अटल बिहारी वाजपेयी
दो अनुभूतियाँ / अटल बिहारी वाजपेयी
आओ फिर से दिया जलाएँ / अटल बिहारी वाजपेयी
क़दम मिला कर चलना होगा / अटल बिहारी वाजपेयी
हरी हरी दूब पर / अटल बिहारी वाजपेयी
हिरोशिमा की पीड़ा / अटल बिहारी वाजपेयी
दूध में दरार पड़ गई / अटल बिहारी वाजपेयी
अंतरद्वंद्व / अटल बिहारी वाजपेयी
एक बरस बीत गया / अटल बिहारी वाजपेयी
पड़ोसी से / अटल बिहारी वाजपेयी
राह कौन सी जाऊँ मैं? / अटल बिहारी वाजपेयी
मैं न चुप हूँ न गाता हूँ / अटल बिहारी वाजपेयी
मनाली मत जइयो / अटल बिहारी वाजपेयी
पुनः चमकेगा दिनकर / अटल बिहारी वाजपेयी
अपने ही मन से कुछ बोलें / अटल बिहारी वाजपेयी
भारत जमीन का टुकड़ा नहीं / अटल बिहारी वाजपेयी
मौत से ठन गई / अटल बिहारी वाजपेयी
जो बरसों तक सड़े जेल में / अटल बिहारी वाजपेयी
क्षमा याचना / अटल बिहारी वाजपेयी
कौरव कौन, कौन पांडव / अटल बिहारी वाजपेयी
दुनिया का इतिहास पूछता / अटल बिहारी वाजपेयी