Post date: Feb 19, 2018 10:20:34 AM
तुलसीदास का जन्म राजापुर के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। पिता आत्माराम तथा माता हुलसी को इन्होंने बचपन में ही खो दिया तथा अनाथ हो गए। बालपन नितांत निर्धनता में बीता। भिक्षा माँगते समय ये राम-राम कहकर ही भिक्षा माँगते थे, इस कारण इनका नाम 'रामबोला पड गया। बडे होने पर तुलसी का विवाह रत्नावली से हुआ। ये पत्नी पर अत्यधिक आसक्त थे। कहते हैं पत्नी के व्यंग-बाणों से तुलसी के ज्ञान-चक्षु खुल गए और इन्हें वैराग्य हो गया। पत्नी को सदा के लिए त्याग दिया और भगवत्-प्राप्ति को निकल पडे।
विलक्षण प्रतिभा के धनी तुलसी भारत के महान कवि हैं। इन्होंने देश को रामकथा का अद्भुत ग्रंथ 'रामचरितमानस दिया। 'मानस एक महाकाव्य है जिसमें राम के समग्र जीवन का चित्रण है। यह अवधी भाषा में दोहा-चौपाई छंद में लिखा गया है। 'मानस के द्वारा भारत में धार्मिक तथा सामाजिक क्रांति आई तथा राम का जीवन जनमानस का आदर्श बन गया। 'तुलसी के अन्य प्रसिध्द ग्रंथ हैं - 'दोहावली, 'कवितावली, 'गीतावली, 'विनय पत्रिका, 'पार्वती मंगल, 'जानकी मंगल, तथा 'बरवै रामायण आदि। इनमें इन्होंने अनेक प्रकार के छंदों का प्रयोग किया है।
तुलसी का अवधी तथा ब्रज भाषा पर समान अधिकार था। इनके काव्य में उपमा, उत्प्रेक्षा, रूपक आदि समस्त अलंकारों का व्यापक प्रयोग किया है। तुलसी का अवधी तथा ब्रजभाषा पर समान अधिकार था। इनके काव्य में उपमा, उत्प्रेक्षा, रूपक आदि समस्त अलंकारों का व्यापक प्रयोग है। 'मानस का अनुवाद देश-विदेश की अनेक भाषाओं में हो चुका है। तुलसी एक पुरुष शिरोमणि थे जिन्होंने जनमानस पर अधिकार जमाया, हिन्दी भाषा को गौरवान्वित किया तथा हिंदू जाति को रामकथा का अमृत प्रदान किया।