॥इति राग नट नारायण सम्पूर्ण॥
हम थैं दूर रही गति तेरी,
तुम हो तैसे तुम हीं जानो, कहा बपरी मति मेरी॥टेक॥
मन तैं अगम दृष्टि अगोचर, मनसा की गम नाँहीं।
सुरति समाइ बुद्धि बल थाके, वचन न पहुँचे ताँहीं॥1॥
योग न ध्यान ज्ञान गम नाँहीं, समझ-समझ सब हारे।
उनमनी रहत प्राण घट साधे, पार न गहत तुम्हारे॥2॥
खोजि परे गति जाइ न जाणी, अगह गहन कैसे आवे।
दादू अविगत देहु दया कर, भाग बड़े सो पावे॥3॥
297. हैरान। उत्सव ताल
नमो-नमो हरि नमो-नमो
ताहि गुसांई नमो-नमो, अकल निरंजन नमो-नमो।
सकल वियापी जिहिं जग कीन्हा, नारायण निज नमो-नमो॥टेक॥
जिन सिरजे जल शीश चरण कर, अविगत जीव दियो।
श्रवण सँवारि नैन रसना मुख, ऐसो चित्र कियो॥1॥
आप उपाइ किये जग जीवन, सुर नर शंकर साजे।
पीर पैगम्बर सिद्ध अरु साधक अपणे नाम निवाजे॥2॥
धरती-अम्बर चंद-सूर जिन, पाणी पवन किये।
भानण धड़न पलक में केते, सकल सँवार लिये॥3॥
आप अखंडित खंडित नाँहीं, सब सम पूर रहे।
दादू दीन ताहि नइ वंदित, अगम अगाध कहे॥4॥
296. मंगलाचरण। राज विद्याधर ताल
तुम बिन ऐसे कौण करे,
गरीब निवाज गुसांई मेरो, माथे मुकुट धरे॥टेक॥
नीच ऊँच ले करे गुसांई टार्यो हूँ न टरे।
हस्त कमल की छाया राखे, काहूँ थै न डरे॥1॥
जाकी छोत जगत् को लागे, तापर तूं हीं ढरे।
अमर आप ले करे गुसांई, मार्यो हूँ न मरे॥2॥
नामदेव कबीर जुलहा, जन रैदास तरे।
दादू बेगि बार नहिं लागे, हरि सौं सबै सिरे॥3॥
295. परमेश्वर महिमा। राज विद्याधर ताल
नीके मोहन सौं प्रीति लाई,
तन-मन प्राण देत बजाई, रंग-रस के बणाई॥टेक॥
येही जीयरे वेही पीवरे, छोर्यो न जाई माई।
बाण भेद के देत लगाई, देखत ही मुरझाई॥1॥
निर्मल नेह पिया सौं लागो, रती न राखी काई।
दादू रे तिल में तन जावे, संग न छाडूँ माई॥2॥
294. राजमृगांक ताल
कब देखूँ नैनहुँ रेख रती, प्राण मिलण को भई मती।
हरि सों खेलूँ हरी गती, कब मिल हैं मोहि प्राण पती॥टेक॥
बल कीती क्यों देखूँगी रे, मुझ माँहीं अति बात अनेरी।
सुन साहिब इक विनती मेरी, जन्म-जन्म हूँ दासी तेरी॥1॥
कहुँ दादू सो सुणसी सांई, हौं अबला बल मुझ में नाँहीं।
करम करी घ्ज्ञर मेरे आई, तो शोभा पिव तेरे तांई॥2॥
293. राजमृगांक ताल
गोविन्द कबहूँ मिले पिव मेरा,
चरण-कमल क्यों ही कर देखूँ, राखूँ नैनहुँ नेरा॥टेक॥
निरखण का मोहि चाव घणेरा, कब मुख देखूँ तेरा।
प्राण मिलण को भयी उदासी, मिल तूं मीत सवेरा॥1॥
व्याकुल तातैं भई तन देही, शिर पर यम का हेरा।
दादू रे जन राम मिलण को, तप ही तन बहुतेरा॥2॥
292. विरह। जयमंगल ताल
ताको काहे न प्राण सँभाले,
कोटि अपराध कल्प के लागे, माँहिं महूरत टाले॥टेक॥
अनेक जन्म के बन्धन बाढ़े, बिन पावक फँद जालै।
ऐसो है मन नाम हरी को, कबहूँ दुःख न सालै॥1॥
चिन्तामणी युक्ति सों राखे, ज्यों जननी सुत पालै।
दादू देख दया करे ऐसी, जन को जाल न रालै॥2॥
291. हितोपदेश। गजताल
(गायन समय रात्रि 9 से 12)
अथ राग नट नारायण
अथ पारिख का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ परिचय का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ विरह का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ श्री गुरुदेव का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ माया का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ सुमिरण का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ साधु का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ मन का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ साँच का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ शूरातन का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ काल का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ निहकर्मी पतिव्रता का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ सजीवन का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ मध्य का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ विनती का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ विश्वास का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ जीवित मृतक का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ भेष का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ लै का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ विचार का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ दया निर्वैरता का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ पारिख का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ समर्थता का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ निगुणा का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ जरणा का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ शब्द का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ हैरान का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ सारग्राही का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ पीव पहचान का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ सुन्दरी का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ उपजन का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ साक्षी भूत का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ चेतावनी का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ निन्दा का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ बेली का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ कस्तूरिया मृग का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ अबिहड़ का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ सूक्ष्म जन्म का अंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग सारंग / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग हुसेनी बंगाल / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग बसन्त / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग कल्याण / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग ललित / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग नट नारायण / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग सिन्दूरा / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग देवगांधार / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग अडाणा / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग जैतश्री / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग कालिंगड़ा / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग परजिया (परज) / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग भाँणमली / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग कान्हड़ा / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग सूहा / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग बिलावल / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग मारू (मरवा) / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग माली गौड़ी / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग सोरठ / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग टोडी (तोडी) / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग धनाश्री / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग गुंड (गौंड) / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग केदार / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग आसावरी / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग भैरूँ / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग गौड़ी / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग रामकली / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल
अथ राग केदार / दादू ग्रंथावली / दादू दयाल