हिंदी लोक गीत बन्ना-बन्नी Hindi Lok Geet Banna-Banni
इनकी मनोहर जोड़ी लागे कितनी भली
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
बहना के घर में ये पहली ख़ुशी है
पहली ख़ुशी बड़ी देर से मिली है
सपना पूरा हुआ, मन की आशा फली
इनकी मनोहर जोड़ी लागे कितनी भली
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
दिन रंग भरे आएँगे, होगी हर रात दिवाली
संग ले के चली अपने घर, अब दिया जलाने वाली
प्यारे भैया ने पाई दुल्हन साँचे में ढली
इनकी मनोहर जोड़ी लागे कितनी भली
अपना बन्ना फूल गुलाबी, बन्नो चम्पे की कली
उसकी दादी ने ऐसा पाला कि ऐसा पाला कि नैन बिच पूतरिया
उसके बाबा ने ऐसा निकाला कि ऐसा निकाला कि जल बिन माछरिया
आज अँगन मेरा सूना, बन्नी तो मेरी पाहुनियाँ -२
उसकी ताई ने ऐसा पाला कि ऐसा पाला कि नैन बिच पूतरिया
उसके ताऊ ने ऐसा निकाला कि ऐसा निकाला कि जल बिन माछरिया
आज अँगन मेरा सूना, बन्नी तो मेरी पाहुनियाँ -२
उसकी मम्मी ने ऐसा पाला कि ऐसा पाला कि नैन बिच पूतरिया
उसके पापा ने ऐसा निकाला कि ऐसा निकाला कि जल बिन माछरिया
आज अँगन मेरा सूना, बन्नी तो मेरी पाहुनियाँ -२
उसकी बुआ ने ऐसा पाला कि ऐसा पाला कि नैन बिच पूतरिया
उसके फूफा ने ऐसा निकाला कि ऐसा निकाला कि जल बिन माछरिया
आज अँगन मेरा सूना, बन्नी तो मेरी पाहुनियाँ -२
उसकी चाची ने ऐसा पाला कि ऐसा पाला कि नैन बिच पूतरिया
उसके चाचा ने ऐसा निकाला कि ऐसा निकाला कि जल बिन माछरिया
बन्नी के बाबा बड़े कमाऊँ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की दादी बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे
आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे
बन्नी के ताऊ बड़े कमाऊँ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की ताई बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे
आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे
बन्नी के पापा बड़े कमाऊँ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की मम्मी बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे
आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे
बन्नी के फूफा बड़े कमाऊँ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की बुआ बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे
आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे
बन्नी के चाचा बड़े कमाऊँ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की चाची बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे
आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे
बन्नी के जीजा बड़े कमाऊँ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की दीदी बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे
आलू-मटर वाले ने, गलियों में जा के शोर किया रे
बन्नी के भईया बड़े कमाऊँ, भर भर दोने लाते है
बन्नी की भाभी बड़ी चटोरी, भर भर दोने खाती है
चाटा पत्ता फेंक दिया, गलियों में जा के शोर किया रे
तोहे बांका-सा दुल्हा बनाऊँ बन्ना रे ।।
उबटन केसर करूँ, गंगाजल नीर भरूं।
तोहे मल मल के आज नहलाऊँ बन्ना रे
बाकी सी पगड़ी बाँधू, हीरे की कलंगी साँजू
तोहे केसरिया जामा पहनाऊ बन्ना रे ।।
नैनो मे कजरा साँजू हाथो मे कँगना बाँधू
तोहे पन्ने का हार पहनाऊ बन्ना रे ।।
जीवन मैं तोपै वारूं झोले भर मोती वारूं ।
तोंहे देख देख नैना रिझाऊ बन्ना रे ।।
आज तेरा श्रृगार कराऊँ बन्ना रे
तोहे बांका-सा दुल्हा बनाऊँ बन्ना रे ।।
बाबा संग जाईयो रे बन्ना ताऊ संग जाईयों
तोड़ धनुष सिया जानकी न ब्याह लाईयों
आज हमारे बन्ने धनुष उठा लिया
आज म्हारे बन्ने ने धनुष उठा लिया
पापा संग जाईयो रे बन्ना चाचा संग जाईयों
तोड़ धनुष सिया जानकी न ब्याह लाईयों
आज हमारे बन्ने धनुष उठा लिया
आज म्हारे बन्ने ने धनुष उठा लिया
फूफा संग जाईयो रे बन्ना मामा संग जाईयों
तोड़ धनुष सिया जानकी न ब्याह लाईयों
आज हमारे बन्ने धनुष उठा लिया
आज म्हारे बन्ने ने धनुष उठा लिया
भईया संग जाईयो रे बन्ना जीजा संग जाईयों
तोड़ धनुष सिया जानकी न ब्याह लाईयों
आज हमारे बन्ने धनुष उठा लिया
बन्नी तो हमारी है।
छोड़ो-छोड़ो बना जी मेरा हाथ अभी तो कुंवारी हुं
मेरे बाबा जी देंगे कन्यादान वो देंगे महादान
तभी तो तुम्हारी हूं
मेरे ताऊ जी देंगे कन्या दान वो देंगे महादान
तभी तो तुम्हारी हूं
एक फुल खिल्या आधी रात बन्ने ने पकड़या हाथ
बन्नी तो हमारी है।
एक फुल खिल्या आधी रात बन्ने पकड़या हाथ
बन्नी तो हमारी है।
छोड़ो-छोड़ो बना जी मेरा हाथ अभी तो कुंवारी हुं
मेरे पापा जी देंगे कन्यादान वो देंगे महादान
तभी तो तुम्हारी हूं
मेरे चाचा जी देंगे कन्या दान वो देंगे महादान
तभी तो तुम्हारी हूं
एक फुल खिल्या आधी रात बन्ने ने पकड़या हाथ
बन्नी तो हमारी है।
एक फुल खिल्या आधी रात बन्ने पकड़या हाथ
बन्नी तो हमारी है।
छोड़ो-छोड़ो बना जी मेरा हाथ अभी तो कुंवारी हुं
मेरे फूफा जी देंगे कन्यादान वो देंगे महादान
तभी तो तुम्हारी हूं
मेरे मामा जी देंगे कन्या दान वो देंगे महादान
तभी तो तुम्हारी हूं
एक फुल खिल्या आधी रात बन्ने ने पकड़या हाथ
बन्नी तो हमारी है।
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
दादी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
दादी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना.....
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना......
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
मम्मी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
मम्मी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना.....
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना इचक दाना......
छज्जे ऊपर बन्नी बैठी बन्ना है दिवाना इचक...
रोज सवेरे उठकर बन्ना गर्म समोसे लाता है
भाभी को दिखला-दिखला कर बन्नी को खिलाता है
भाभी के मुंह पानी आये कैसा है जमाना है इचक दाना.....
इचक दाना बिचक दाना दाने ऊपर दाना
8. इतर में भीग रहीइतर में भीग रही हैं ये सेहरे की लड़ी-२
भरी महफ़िल में बन्ने के बाबा से कह दो
दोनों हाथों से उठा ले ये सेहरे की लड़ी
इतर में भीग रही हैं ये सेहरे की लड़ी-२
भरी महफ़िल में बन्ने के ताऊ से कह दो
दोनों हाथों से उठा ले ये सेहरे की लड़ी
इतर में भीग रही हैं ये सेहरे की लड़ी-२
भरी महफ़िल में बन्ने के पापा से कह दो
दोनों हाथों से उठा ले ये सेहरे की लड़ी
इतर में भीग रही हैं ये सेहरे की लड़ी-२
भरी महफ़िल में बन्ने के चाचा से कह दो
दोनों हाथों से उठा ले ये सेहरे की लड़ी
इतर में भीग रही हैं ये सेहरे की लड़ी-२
आवो री सज धज कर आवो री,
सखियन सब आवो री, माला पहनावो री
केसरिया बन्ना बागों में आया रे ।।
ये मेरे हाथ फूलों की डाली, ये मेरे हाथ फूलों की डाली
मैं जो मालन बन कर आई, बागों में ऐसी छाई
केसरिया बन्ना बागों में आया रे
ये मेरे हाथ चौमुखी दियना, ये मेरे हाथ चौमुखी दियना
मैं तो ज्योति बन कर आई, महलों में ऐसी छाई
केसरिया बन्ना बागों में आया रे
ये मेरे हाथ पानों के बीडे, ये मेरे हाथ पानों के बीडे,
मैं जो लाली बन कर आई, रंगों में ऐसी छाई
केसरिया बन्ना बागों में आया रे,
केसरिया बन्ना बागों में आया रे
आवो री सज धज कर आवो री,
सखियन सब आवो री, माला पहनावो री
केसरिया बन्ना बागों में आया रे ।।
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...
माथे बन्नी के बेंदी सोहे -२,
अँखियन में झलक दिखाया न करो-२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...
कच्ची पक्की कलियाँ हिलाया न करो-२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...
कानों बन्नी के कुण्डल सोहे -२
होंठों पे झलक दिखाया न करो-२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...
कच्ची पक्की कलियाँ हिलाया न करो-२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...
हाथ बन्नी के कंगन सोहे -२
मेंहदी में झलक दिखाया न करो-२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...
कच्ची पक्की कलियाँ हिलाया न करो -२
रोज़ रोज़ बन्ना तुम आया न करो...
बन्ना जी मुझको क्या देखो
थारी दादी से ज्यादा सुन्दर आयी
बन्ना जी मुझको क्या देखो
थारी ताई से ज्यादा पढ़ी लिखी आयी।
किरण की छन्नी में बन्ने ने रास रचाई
बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी सुन्दर आई
बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी पढ़ी लिखी आई
बन्ना जी मुझको क्या देखो
थारी मम्मी से ज्यादा सुन्दर आयी
बन्ना जी मुझको क्या देखो
थारी चाची से ज्यादा पढ़ी लिखी आयी।
किरण की छन्नी में बन्ने ने रास रचाई
बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी सुन्दर आई
बन्नी मैं तो देखूंगा तू कितनी पढ़ी लिखी आई
बन्ना जी मुझको क्या देखो
थारी बुआ से ज्यादा सुन्दर आयी
बन्ना जी मुझको क्या देखो
थारी मौसी से ज्यादा पढ़ी लिखी आयी।
किरण की छन्नी में बन्ने ने रास रचाई
बन्ने की बारात में
मैंने कहा था बन्ने तुम बाबा मत लाना
तुम ताऊ मत लाना, हमारी मुलाकात में
तुमने एक ना मानी, तुम बाबा संग आऐ
तुम ताऊ संग आऐ, हमारी मुलाकात में
फेरे तो ना लूंगी तेरे साथ में
मैनें कहा था बन्ने तुम अकेले ही आना
हमारी मुलाकात में
कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा
बन्ने की बारात में
मैंने कहा था बन्ने तुम पापा मत लाना
तुम चाचा मत लाना, हमारी मुलाकात में
तुमने एक ना मानी, तुम पापा संग आऐ
तुम चाचा संग आऐ, हमारी मुलाकात में
फेरे तो ना लूंगी तेरे साथ में
मैनें कहा था बन्ने तुम अकेले ही आना
हमारी मुलाकात में
कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा
बन्ने की बारात में
मैंने कहा था बन्ने तुम मामा मत लाना
तुम फूफा मत लाना, हमारी मुलाकात में
तुमने एक ना मानी, तुम मामा संग आऐ
तुम फूफा संग आऐ, हमारी मुलाकात में
फेरे तो ना लूंगी तेरे साथ में
मैनें कहा था बन्ने तुम अकेले ही आना
हमारी मुलाकात में
कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा
बन्ने की बारात में
मैंने कहा था बन्ने तुम यार मत लाना
तुम दोस्त मत लाना, हमारी मुलाकात में
तुम मेरी ही मानी, तुम अकेले ही आये
हमारी मुलाकात में
फेरे तो मैं लूंगी तेरे साथ में।
कोका कोला मिलेगा दो-दो तोला मिलेगा
बन्ने की बारात में
किन तेरी गोद भरी मेवा से
किन तेरी रूच-रूच मांग सवांरी
बाबा मेरी गोद भरी मेवा से
दादी रानी रूच-रूच मांग सवांरी
कहो राजा जनक कहो सिया प्यारी-२
किन तेरी गोद भरी मेवा से
किन तेरी रूच-रूच मांग सवांरी
पापा मेरी गोद भरी मेवा से
मम्मी रानी रूच-रूच मांग सवांरी
कहो राजा जनक कहो सिया प्यारी-२
किन तेरी गोद भरी मेवा से
किन तेरी रूच-रूच मांग सवांरी
भईया मेरी गोद भरी मेवा से
भाभी रानी रूच-रूच मांग सवांरी
कहो राजा जनक कहो सिया प्यारी-२
रेशम लागी अरदवानि हाँ-२
मैङै में बैइठे बन्ने के बाबा खेल जूआँ खेंलहि हाँ
हँसि हँसि पूछै बन्ने की दादी
का रे पिया तुम जीत्यौ हाँ
धन भले जीत्यौ, दहेज भले जीत्यौ
जीत्यौ दूध कटोरा हाँ, चंदा सूरज जैसी बहु औरु
जीत्यौ अपने चढ़न केरो घोड़ा हाँ
मैङै में बैइठे बन्नी के बाबा खेल जूआँ खेंलहि हाँ
रोए रोए पूछै बन्नी की दादी
का रे पिया तुम हारौ हाँ
धन भले हारौ, दहेज भले हारौ
हारौ दूध कटोरा हाँ, चंदा सूरज जैसी बिटिया औरु
हारौ अपने चढ़न केरो घोड़ा हाँ
चन्दन के चार पावा लगे हैं
रेशम लागी अरदवानि हाँ-२
मैङै में बैइठे बन्ने के पापा खेल जूआँ खेंलहि हाँ
हँसि हँसि पूछै बन्ने की मम्मी
का रे पिया तुम जीत्यौ हाँ
धन भले जीत्यौ, दहेज भले जीत्यौ
जीत्यौ दूध कटोरा हाँ, चंदा सूरज जैसी बहु औरु
जीत्यौ अपने चढ़न केरो घोड़ा हाँ
मैङै में बैइठे बन्नी के पापा खेल जूआँ खेंलहि हाँ
रोए रोए पूछै बन्नी की मम्मी
का रे पिया तुम हारौ हाँ
धन भले हारौ, दहेज भले हारौ
हारौ दूध कटोरा हाँ, चंदा सूरज जैसी बिटिया औरु
हारौ अपने चढ़न केरो घोड़ा हाँ
सजन घर जाना है -२
कैसे चलूँ सजन के घर ओ कहार -२
दादा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
ताऊ जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
चल बन्नी इस घर से बैठ मोटर में
सजन घर जाना है-२
कैसे चलूँ सजन के घर ओ कहार -२
पापा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
चाचा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
चल बन्नी इस घर से बैठ मोटर में
सजन घर जाना है -२
कैसे चलूँ सजन के घर ओ कहार -२
फूफा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
मामा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
चल बन्नी इस घर से बैठ मोटर में
सजन घर जाना है -२
तेरे बाबा हजारी ने महल सारा सजाया है
तेरी दादी के जीवन में ये शुभ दिन आज आया है
चलो जल्दी सजो बन्ना ये शुभ घड़ी आज आई है
तेरे ताऊ हजारी ने महल सारा सजाया है
तेरी ताई के जीवन में ये शुभ दिन आज आया है
चलो जल्दी सजो बन्ना ये शुभ घड़ी आज आई है
तेरे पापा हजारी ने महल सारा सजाया है
तेरी मम्मी के जीवन में ये शुभ दिन आज आया है
चलो जल्दी सजो बन्ना ये शुभ घड़ी आज आई है
तेरे चाचा हजारी ने महल सारा सजाया है
तेरी चाची के जीवन में ये शुभ दिन आज आया है
अगर मैं बाजी जीती तो सुबह का नाश्ता बना देना
अगर मैं बाजी जीता तो तेरी दादी को ले जाऊँगा
उन्हें दादा के संग रक्खूँगा, नहीं फिर आने देने का
चिक डाल दो कमरे में बन्नी कैरम खेलेगी-२
अगर मैं बाजी जीती तो सुबह के कपड़े धो देना
अगर मैं बाजी जीता तो तेरी मम्मी को ले जाऊँगा
उन्हें पापा के संग रक्खूँगा, नहीं फिर आने देने का
चिक डाल दो कमरे में बन्नी कैरम खेलेगी-२
अगर मैं बाजी जीती तो सुबह के बर्तन धो देना
अगर मैं बाजी जीता तो तेरी भाभी को ले जाऊँगा
उन्हें भईया के संग रक्खूँगा, नहीं फिर आने देने का
चिक डाल दो कमरे में बन्नी कैरम खेलेगी-२
अगर मैं बाजी जीती तो रात का बिस्तर लगा देना
अगर मैं बाजी जीता तो तेरी दीदी को ले जाऊँगा
उन्हें जीजा के संग रक्खूँगा, नहीं फिर आने देने का
बन्नी को बुलाये टेलीफोन कर के
कमरे में से दादी बोली हंस-हंस के
बन्नी नहीं आये टेलीफोन सुन के
जाओ जी बन्ना तो घोड़ी चंढ के
लाओ जी बन्ना गठ जोड़ा कर के
छज्जे ऊपर बन्ना बैठा दिल खोल के
बन्नी को बुलाये टेलीफोन कर के
कमरे में से मम्मी बोली हंस-हंस के
बन्नी नहीं आये टेलीफोन सुन के
जाओ जी बन्ना तो घोड़ी चंढ के
लाओ जी बन्ना गठ जोड़ा कर के
छज्जे ऊपर बन्ना बैठा दिल खोल के
बन्नी को बुलाये टेलीफोन कर के
कमरे में से भाभी बोली हंस-हंस के
बन्नी नहीं आये टेलीफोन सुन के
जाओ जी बन्ना तो घोड़ी चंढ के
लाओ जी बन्ना गठ जोड़ा कर के
बाबा के बागों जाती, वो फूल तोड़कर लाती है
फूलों का हार बना करके शिव शंकर को पहनाती है
छोटी सी बन्नी पारवती शिव पूजा करने जाती है
पापा के बागों जाती, वो फूल तोड़कर लाती है
फूलों का हार बना करके शिव शंकर को पहनाती है
छोटी सी बन्नी पारवती शिव पूजा करने जाती है
चाचा के बागों जाती, वो फूल तोड़कर लाती है
फूलों का हार बना करके शिव शंकर को पहनाती है