जो बरसों तक सड़े जेल में, उनकी याद करें।
जो फाँसी पर चढ़े खेल में, उनकी याद करें।
याद करें काला पानी को,
अंग्रेजों की मनमानी को,
कोल्हू में जुट तेल पेरते,
सावरकर से बलिदानी को।
याद करें बहरे शासन को,
बम से थर्राते आसन को,
भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरू
के आत्मोत्सर्ग पावन को।
अन्यायी से लड़े,
दया की मत फरियाद करें।
उनकी याद करें।
बलिदानों की बेला आई,
लोकतंत्र दे रहा दुहाई,
स्वाभिमान से वही जियेगा
जिससे कीमत गई चुकाई
मुक्ति माँगती शक्ति संगठित,
युक्ति सुसंगत, भक्ति अकम्पित,
कृति तेजस्वी, घृति हिमगिरि-सी
मुक्ति माँगती गति अप्रतिहत।
अंतिम विजय सुनिश्चित, पथ में
क्यों अवसाद करें?
उनकी याद करें।
अटल बिहारी वाजपेयी
25 दिसंबर, 1924
ग्वालियर, मध्य प्रदेश
पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी और श्रीमती कृष्णा देवी
अविवाहित
भारतीय
भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ
भारत के 11वें प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री
प्रधानमंत्री-16 मई 1996 – 1 जून 1996 और 19 मार्च 1998 – 19 मई 2004; विदेश मंत्री- 26 मार्च 1977 – 28 जुलाई 1979
स्नातकोत्तर
गोरखी विद्यालय, विक्टोरिया स्कूल (अब रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज), डी.ए.वी. महाविद्यालय
हिन्दी, अंग्रेज़ी
पद्म विभूषण, भारत रत्न
हिन्दू
जवाहरलाल नेहरू के बाद इनको देश का दूसरा स्टेट्समैन कहा गया।