जान्यौ न मैं ललिता अलि ताहि जो सोवत माँहिगई करी हाँसी.
लाए हिय नख केहरि के सँग मरी तऊ नहि नींद विनाँसी.
लै गई अम्बर बेनी प्रवीन ओढाय लटी दुपटी दुखरासी.
तोरि तनी तन छोर आभूषन भूति गई गर देने की फाँसी.
धूधर सी वन, धूमसी धामन / बेनी
करि की चुराई चाल, सिंह को चुरायो कटि / बेनी
भोर ही न्योति गई ती / बेनी
घनसार पटीर मिलै मिलै निर चहै / बेनी
सोभा पाई कुंज भौन / बेनी
जान्यौ न मैं ललिता अलि / बेनी
हाव भाव विविध दिखावै भली भाँतिन सों / बेनी