ग्रीषम में तपै भीषम भानु,गई बनकुंज सखीन की भूल सों.
घाम सों बामलता मुरझानी,बयारि करै घनश्याम दुकूल सों.
कम्पत यों प्रगट्यो तन स्वेद उरोजन दत्त जू ठोड़ी के मूल सों.
द्वै अरविंद कलीन पै मानो गिरै मकरंद गुलाब के फूल सों.
चँदन के चहला मेँ परी परी पँकज की पँखुरी नरमी मैँ / दत्त
ग्रीषम में तपै भीषम भानु,गई बनकुंज सखीन की भूल सों / दत्त