Post date: Feb 19, 2018 5:59:7 AM
ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था
मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था
तेरे सलूक तेरी आगही की उम्र दराज़
मेरे अज़ीज़ मेरा ज़ख़्म भरने वाला था
बुलंदियों का नशा टूट कर बिखरने लगा
मेरा जहाज़ ज़मीन पर उतरने वाला था
मेरा नसीब मेरे हाथ काट गए वर्ना
मैं तेरी माँग में सिंदूर भरने वाला था
मेरे चिराग मेरी शब मेरी मुंडेरें हैं
मैं कब शरीर हवाओं से डरने वाला था