Sundardas ji
जन्म चैत्र शुक्ल 9 संवत् 1653
निधन कार्तिक शुक्ल 8 संवत् 1746
जन्म स्थान द्योसा, जयपुर, राजस्थान, भारत
रीतिकाल के कवि सुंदरदास
पति ही सूं प्रेम होय, पति ही सूं नेम होय,
पति ही सूं छेम होय , पति ही सूं रात है.
पति ही यज्ञ जोग, पति ही है रस भोग,
पति ही सू मिटे सोग, पति ही को जात है..
पति ही है ज्ञान ध्यान, पति ही है पुण्य दान ,
पति ही है तीर्थ ,न्हान,पति ही को मत.
पति बिनु पति नाहिं, पति बेनु गति नाहि,
सुंदर सकल विधि एक पतिव्रत है..