नितप्रति रासबिलास ब्याहबिधि, नित सुर-तिय सुमननि बरसैया।
नित नव नव आनंद बारिनिधि, नित ही गदाधर लेत बलैया॥३॥
नितप्रति गीत बाद्यमंगल धुनि, नित सुर मुनिवर बिरद कहैया।
सिरपर श्रीब्रजराज राजबित, तैसेई ढिग बलनिधि बल भैया॥२॥
दिन दूलह मेरो कुँवर कन्हैया।
नितप्रति सखा सिंगार सँवारत, नित आरती उतारति मैया॥१॥
सुंदर स्याम सुजानसिरोमनि / गदाधर भट्ट
कबै हरि, कृपा करिहौ सुरति मेरी / गदाधर भट्ट
जयति श्रीराधिके सकलसुखसाधिके / गदाधर भट्ट
दिन दूलह मेरो कुँवर कन्हैया / गदाधर भट्ट
सखी, हौं स्याम रंग रँगी / गदाधर भट्ट
नमो नमो जय श्रीगोबिंद / गदाधर भट्ट
है हरितें हरिनाम बड़ेरो / गदाधर भट्ट
झूलत नागरि नागर लाल / गदाधर भट्ट
हरि हरि हरि हरि रट रसना मम / गदाधर भट्ट
जय महाराज ब्रजराज-कुल-तिलक / गदाधर भट्ट