Post date: Feb 18, 2018 12:29:54 PM
राधे कृस्न कहो मेरे प्यारे भजो मेरे प्यारे जपो मेरे प्यारे ॥ध्रु०॥
भजो गोविंद गोपाळ राधे कृस्न कहो मेरे ॥ प्यारे०॥१॥
कृस्नजीकी लाल लाल अखियां हो लाल अखियां ।
जैसी खिली रे गुलाब ॥राधे०॥२॥
सिरपर मुगुट विराजे हो विराजे । बन्सी सोभे रसाल ॥राधे०॥३॥
पितांबर पटकुलवाली हो पटकुलवाली कंठे मोतियनकी माल ॥राधे०॥४॥
सुभ काने कुंडल झलके हो कुंडल झलके । तिलक सोभेरे ललाट ॥राधे०॥५॥
सूरदास चरण बलिहारी हो चरण बलिहारी । मै तो जनम जनम तिहारो दास ॥राधे०॥६॥