Post date: Feb 18, 2018 2:2:58 PM
मेरा दर्द नग़मा-ए-बे-सदा[1]
मेरी ज़ात[2] ज़र्रा-ए-बे-निशाँ[3]
मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले
मुझे अपना नामो-निशाँ मिले
मेरी ज़ात को जो निशाँ मिले
मुझे राज़े-नज़्मे-जहाँ[4] मिले
जो मुझे ये राज़े-निहाँ[5] मिले
मेरी ख़ामशी को बयाँ मिले
मुझे क़ायनात की सरवरी[6]
मुझे दौलते-दो-जहाँ[7] मिले
शब्दार्थ
1 बे-आवाज़ गीत 2 अस्तित्व 3 बे-निशान कण 4 विश्व-व्यवस्था का रहस्य
5छुपा हुआ 6 दुनिया की बादशाही 7 दोनों दुनियाओं की दौलत