पञ्चदशः पाठः - प्रहेलिकाः
(1) कस्तूरी जायते कस्मात्?
को हन्ति करिणां कुलम्?
किं कुर्यात् कातरो युद्धे?
मृगात् सिंहः पलायते॥1॥
अन्वयः कस्तूरी कस्मात् जायते? मृगात्। कः करिणां कुलम् हन्ति? सिंहः।
कातरः युद्धे किं कुर्यात्? पलायते।।
सरलार्थ:- कस्तूरी किससे उत्पन्न होती है? मृग से। कौन हाथियों के समूह को मार देता है? सिंह। कमजोर व्यक्ति युद्ध में क्या करे? भाग जाए।
(2) सीमन्तिनीषु का शान्ता?
राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः?
विद्वदभिः का सदा वन्द्या?
अत्रैवोक्तं न बुध्यते ॥2॥
अन्वय:- का सीमन्तिनीषु शान्ता? सीता, गुणोत्तमः राजा अभूत्? रामः।
का सदा विद्वद्भिः वन्द्या? विद्या। अत्र एव उक्तं (परम्) न बुध्यते।।
सरलार्थ:- नारियों में कौन (सबसे अधिक) शान्त स्वभाव वाली है? सीता। कौन-सा राजा गुणों में उत्तम हुआ? राम। विद्वानों के द्वारा कौन हमेशा वन्दना करने योग्य है? विद्या। (यह बात) यहीं कही गई है (फिर भी मनुष्यों के द्वारा) नहीं जानी जा रही है।
(3) कं सञ्जघान कृष्णः?
का शीतलवाहिनी गङ्गा?
के दारपोषणरता:?
कं बलवन्तं न बाधते शीतम्॥3॥
अन्वय: कृष्णः कं सञ्जघान? कंसम्? शीतलवाहिनी गङ्गा का? काशी।
के दारपोषणरता:? केदारपोषणरताः। कं बलवन्तम् शीतम् न बाधते। कंबलवन्तम्।।
सरलार्थ:- श्रीकृष्ण ने किसको मारा? कंस को। शीतल (ठण्डी) धारा वाली गंगा को बहाने वाली जगह कौन-सी है? काशी। पत्नी सहित बच्चों के पालन-पोषण में कौन लगे होते हैं? खेती के काम में संलग्न किसान। किस बलवान को ठण्ड कष्ट नहीं देती? कम्बल वाले व्यक्ति को।
(4) वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः
त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।
त्वग्वस्त्रधारी न च सिद्धयोगी
जलं च बिभ्रन्न घटो न मेघः॥4॥
अन्वयः वृक्षाग्रवासी च न पक्षिराजः, त्रिनेत्रधारी च न शूलपाणिः। त्वग्वस्त्रधारी च न सिद्धयोगी, जलं च विभ्रन् न घट: न मेघः (अस्ति)।।
सरलार्थ:- वृक्ष के ऊपर रहने वाला है और फिर भी पक्षियों का राजा गरुड़ नहीं है। तीन आँखों वाला है तो भी हाथ में त्रिशूलधारी शिव नहीं है। छाल रूपी वस्त्र को धारण करने वाला है फिर भी तपस्वी साधक नहीं है और जल को (अन्दर) धारण करता है तो भी न घड़ा है और न ही बादल है। अर्थात्-नारियल है।
(5) भोजनान्ते च किं पेयम्?
जयन्तः कस्य वै सुतः?
कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्?
तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्॥
अन्वय: भोजनान्ते च पेयम् किं? तक्रम्। जयन्त: वै कस्य सुत:? शक्रस्य। विष्णुपदं कथं प्रोक्तम्? दुर्लभम्।।
सरलार्थ:- भोजन के अंत में क्या पीना चाहिए? छाछ। निश्चय (निश्चित रूप) से जयन्त किसका पुत्र है? इन्द्र का। भगवान विष्णु का स्थान स्वर्ग (मोक्ष) कैसा कहा गया है? दुर्लभ (कठिनाई से प्राप्त होने योग्य)।