"शिक्षा” ही तो नाम है उसका।।

जो है मेरी मेहनत का फल,

जिससे सवरेगा मेरा कल।

जिस पर है हम सबका अधिकार,

जो है सबसे मुल्यवान भण्डार।।

केवल अर्जन कर सकते है उसका,

कोई मूल्य नही चुका सकता है इसका।

कोई गहना नही है जग में अच्छा,

जब मिल जाती है अच्छी शिक्षा।।

जिसके लिये करते है अथक प्रयास,

जो है देती उम्मीद की आस।

दरिद्रता, अज्ञानता, दुश्चरित्र हो बैरी जिसका,

शिक्षा” ही तो नाम है उसका।।