Amavasya Vrat - भाद्रपद अमावस्या का महत्व और कैसे करें पितृ दोष का निवारण

Kushotpatini Amavasya 2022: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या कहलाती है कुशोत्पाटिनी अमावस्या। इस वर्ष 27 अगस्त को मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या/Kushotpatini Amavasya पिठोरी अमावस्या के नाम से भी प्रसिद्ध है यह अमावस्या। भाद्रपद मास है भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित इसलिए इस अमावस्या का है खास महत्तव

अमावस्या तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त, दोपहर 12:24 से

अमावस्या तिथि समाप्त: 27 अगस्त, दोपहर 01:47 तक

पूजा शुभ मुहूर्त: 27 अगस्त, प्रातः 07:33 से सुबह 09:09 तक

इस दिन पूजन के लिए कुशा एकत्रित करने की है परंपरा

हिंदू धर्म में कुशा के बिना नहीं होती है कोई भी पूजा सफल

इस अमावस्या/Amavasya पर पितरों के निमित्त तर्पण करने से मिलता है पितृ दोष/Pitra Dosha से छुटकारा

इस दिन गरीबों को अन्न व वस्त्रों का दान करने से प्राप्त होती है आर्थिक समृद्धि

इस दिन सुबह के समय पीपल वृक्ष पर मीठा दूध अर्पित

व सरसों तैल के पांच दीपक लगाने से दूर होते हैं पारिवारिक क्लेश

इस दिन कालसर्प दोष/Kaalsarp Dosha शनि दोष, साढ़ेसाती/Shani Sadesati आदि की की शांति के लिए बहुत शुभ होती है

Source: https://vinaybajrangidham.blogspot.com/2022/08/kushotpatini-amavasya-2022.html