30 जनवरी को अस्त हो रहे शनि देव – आपके लिए कैसा रहेगा ये समय?

जनवरी 2023 में साल का सबसे बड़ा परिवर्तन हुआ। साल के शुरू में ही शनि देव राशि परिवर्तन कर अपनी मूलत्रिकोण राशि कुम्भ में विराजमान हो गए हैं यह बड़ा परिवर्तन 17 जनवरी 2023 को हुआ। शनि ग्रह जब राशि परिवर्तन करते हैं तो दुनिया भर में एक हलचल सी देखने को मिलती है। कई लोग कुछ नया शुरू करते हैं, कुछ पुराना छोड़ आगे बढ़ते हैं, किन्हीं को समस्याओं से छुटकारा मिलता है तो कुछ समस्याओं में फंस जाते हैं।

कब अस्त होंगे शनि देव?

शनि 30 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में अस्त हो रहे हैं। ज्योतिष में शनि ग्रह बहुत ही प्रभावशाली ग्रह है और व्यक्ति के जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। शनि को ज्योतिष में कर्म व न्याय का ग्रह कहा गया है जो जातक को उसके कर्मों के अनुसार अच्छे व बुरे फल देता है। शनि, एक उग्र, ठंडा, कठोर और क्रूर ग्रह है, जो सख्ती से न्याय करता है। शनि का अस्त होना भी एक महत्वपूर्ण घटना है। जब कोई ग्रह अस्त होता है तो वह अपने फल देने में असमर्थ हो जाता है। एक अस्त ग्रह बिलकुल प्रभावहीन बन जाता है।

जिन राशियों को अच्छा परिणाम मिलना होता है उनके लिए नुक्सान तो जिन राशियों को बुरा परिणाम मिलना होता है उनके लिए राहत मिलती है। पर यहां ये भी देखना आवश्यक है कि शनि आपकी कुंडली में किन भावों का स्वामी है। शनि के परिणाम इस बात पर भी निर्भर करेगा कि वह आपकी कुंडली के किस भाव में गोचर कर रहा है। शनि के अस्त हो जाने पर कुछ राशियों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। आइए देखें कि शनि के अस्त होने से किन-किन राशियों पर क्या- क्या प्रभाव पड़ेगा।


शनि के अस्त होने से इन राशियों पर पड़ेगा गहरा प्रभाव

कर्क राशि: 30 जनवरी को शनि के अस्त हो जाने से इस राशि के जातक करियर में बाधाओं का सामना करेंगें। शनि आपके आठवें भाव में अस्त होंगें जहां ये पैतृक संपत्ति/Ancestral property in kundli से सम्बंधित कोई वाद-विवाद दे सकते हैं। इस दौरान सेहत का पूरा ध्यान रखें। पैसा डूबने की आशंका है। पारिवारिक मतभेद बने रहेंगें।

सिंह राशि: 30 जनवरी को शनि के अस्त होने से इस राशि के जातकों को आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है। शनि आपके सातवें भाव में पारिवारिक कलह और जीवन साथी से मतभेद देंगें। आप बिज़नेस में हानि का भी सामना कर सकते हैं। पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण करे।

वृश्चिक राशि: शनि आपके चतुर्थ भाव में अस्त होंगें। एक अस्त ग्रह भाव को बिगाड़ता है। घर की सुख शांति भंग होगी। इस समय पैसा उधार लेने व देने से बचें। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। प्रॉपर्टी में निवेश से बचें। वृश्चिक राशि वालों को करियर में भी सावधान रहने की ज़रुरत है। किसी से ना उलझे, यह समय नौकरी में परिवर्तन/Job Astrology का नहीं है। जहां हैं वही बने रहे अन्यथा नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।


इन राशियों पर शुरू होगा शनि की साढ़े साती?

शनि की साढ़ेसाती व्यक्ति के लिए कष्टकारी समय होता है। हालांकि भाव व राशि के अनुसार यह अच्छे परिणाम भी देती है। साढ़ेसाती यानि साढ़े सात वर्ष का समय। शनि एक भाव में लगभग ढाई साल रहते हैं और इनका कुंडली के चन्द्रमा से बारहवें, पहले और दुसरे भाव में गोचर साढ़ेसाती/Shani Sadesati कहलाता है। हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का सामना करना पड़ता है। जो व्यक्ति अपने आचरण पर ध्यान देते हैं और हमेशा अच्छे कर्म करते है, उनकी कुंडली में शनि का साढ़ेसाती कोई बुरा प्रभाव नहीं देती। साल 2023 में शनि कुंभ में विचरण करेंगें। शनि के कुम्भ में आते ही मीन राशि के जातकों की साढ़ेसाती शुरू हो गयी है। मकर व कुम्भ के लिए साढ़ेसाती का क्रमशः आखिरी व दूसरा चरण हैं। तो इस समय मीन, मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।


इन्हें मिलेगी शनि ढैय्या से राहत?

17 जनवरी 2023 को शनि के कुंभ राशि में प्रवेश/Saturn Transit in Capricorn करते ही मिथुन और तुला राशि के जातकों की लम्बे समय से चली आ रही ढैया खत्म हो गयी है। और साथ ही साथ, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों की ढैया शुरू हो जाएगी।


शनि साढ़े साती और ढैय्या से राहत पाने के उपाय

शनि साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव से बचने के लिए सबसे पहले अपने आचरण में बदलाव लाएं। शनि अनुशासन व कड़ी मेहनत के ग्रह हैं। जो भी व्यक्ति अपने जीवन में आलस्य त्याग, अनुशासन से रहता है, शनि देव उस पर कृपा बरसाते हैं। अपने जीवन में न्याय का साथ दें और सद्व्यवहार बनाये रखें। इससे आपको शनि के दोष प्रभावोंसे बचने में मदद मिलेगी। इसके अलावा शनि के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए –

• शनिवार को मांस, मदिरा आदि का त्याग करें।

• पर-स्त्री पर बुरी नज़र ना डालें।

• हनुमान चालीसा का पाठ करें।

• हनुमान मंदिर में सिन्दूर, चमेली के तेल का दीपक व लाल गुलाब अर्पित करें।

• शनि मंदिर में जा कर शनि मूर्ति पर तेल चढ़ाये।

• शनि से सम्बंधित वस्तुएं जैसे सरसो का तेल, काली उड़द, काला कपड़ा और काले कंबल का दान करें।

Source: https://www.youthkiawaaz.com/2023/01/30-%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%85%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%87-%E0%A4%B6%E0%A4%A8%E0%A4%BF-%E0%A4%A6%E0%A5%87/