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सर्वेषु लग्नेस्वपि सत्सु चन्द्र लग्नं प्रधानं खलु गोचरेषु।
तस्मात्त दृक्षादपि वर्तमान ग्रहेन्द्र चारै: कथयेत्फलानि।।
ज्योतिष ग्रंथों में चंद्रमा के महत्व को विस्तार पूर्वक वर्णित किया गया है, जिसके अनुसार कहा गया है कि यद्यपि सभी लग्न उपलब्ध होते हैं तो चंद्र लग्न द्वारा फल कथन या भविष्यवाणी करना सबसे उत्तम होता है। दैनिक राशिफल / Daily Rashifal का आधार चंद्रमा ही होता है। ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों की गति का निर्धारण किया गया है। सभी नौ ग्रहों में चंद्रमा सबसे अधिक तेज गति से विचरण करने वाला ग्रह है। यह प्रतेक दिन एक नक्षत्र को भोगता है और प्राय: सवा से ढा़ई दिनों तक एक राशि में विचरण करते हैं, अत: जीवन में होने वाले उतार-चढ़ावों पर चंद्रमा का प्रभाव सबसे अधिक माना गया है।
राशिफल में चंद्रमा का सहयोग
राशिफल चंद्रमा, ग्रह, नक्षत्र, और योग के आधार पर बनता है। किसी भी योग या फल की प्राप्ति का समय पता लगाने के लिए आपकी कुंडली में चंद्रमा की राशि का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। ज्योतिष शास्त्र में आपको बहुत सारी जगह वर्णन मिल जाएगा जहां चंद्रमा को आधार माना गया है। चंद्रमा की भूमिका इस प्रकार से स्पष्ट होती है कि वह हर दिन बनने वाले योगों का राशियों के साथ संबंध बताता है। चंद्रमा मन का कारक होता है और अच्छे एवं बुरे का बोध मन द्वारा ही होता है। ऐसे में प्रत्येक दिन योग के फलों का असर चंद्रमा के गोचर द्वारा सिद्ध होता है।
व्यक्ति के मन की स्थिति के अनुरुप या जन्म कुंडली में मौजूद चंद्रमा के बल के अनुसार फल निर्धारित होता है। उदाहरण के लिए दो लोगों को एक जैसी नौकरी एक ही समय पर प्राप्त होती है, लेकिन दोनों के लिए यह स्थिति अलग-अलग तरह से दृष्टिगोचर हो सकती है। एक के लिए हर्ष से भरपूर होगी तो दूसरे के लिए हो सकता है कि खुशी के साथ साथ परिवार से दूर जाने का गम भी दे। तो इस प्रकार से दैनिक चंद्र राशिफल जन्म कुंडली / Janam Kundli में स्थिति चंद्रमा के बल और गोचर के चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करता है।
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ऑनलाइन राशिफल
चंद्रमा द्वारा निर्धारित राशिफल का प्रभाव अधिक से अधिक दो दिनों से ढ़ाई दिनों तक रहता है। इसका दूसरा अर्थ यह है कि जब तक चंद्रमा एक राशि में रहता है, तब तक आपको वही परिणाम देखने के मिल सकते हैं। 27 दिनों के बाद चंद्रमा के उसी राशि में पुन: लौट आने से पुन: प्रभाव उसी अनुरुप प्राप्त हो सकते हैं इसलिए यह फल संभवत: जीवन में स्थाई परिवर्तन तब तक नहीं ला सकते, जब तक अन्य प्रकार से फल प्राप्ति की संभावना बहुत मनबूत न हो।
ऑनलाइन दैनिक राशिफल / Online Daily Horoscope की कैलकुलेशन या गणना काफी स्टीकता से पूर्ण होती है। बारह राशियों के आधार पर दैनिक राशिफल का निर्धारण सामान्य होता है तथा अपने जीवन में घटने वाली भविष्यवाणी के लिए ज्योतिषी द्वारा कुंडली विश्लेषण / Kundli Analysis से पूर्ण सटीक फलों को प्राप्त किया जा सकता है।
चंद्रमा के गोचर का विभिन्न भावों पर प्रभाव
चंद्र लग्न से गोचर का चंद्रमा क्रमश प्रथम भाव, तृतीये भाव, षष्ठ भाव, सप्तम भाव, दशम भाव तथा एकादश भाव में शुभ फल प्रदान करता है और इन सभी बातों का प्रयोग दैनिक राशिफल / Daily horoscope को बनाने में होता है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा पहले भाव पर होना शुभदायक माना गया है, भाग्य एवं सुख में वृद्धि को प्रदान करने वाला होता है। स्वास्थ्य का लाभ, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा दूसरे भाव में धन हानि, आर्थिक तंगी, कर्ज, मानसिक तनाव, वाणी दोष, नेत्र रोग इत्यादि दे सकता है। परिवार की स्थिति चिंता को दर्शाती है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा तीसरे भाव में होने पर विजय, परिश्रम लाभ, परिवारजनों का सहयोग, धैर्य एवं संतोष की स्थिति अभिरुचि से उत्पन्न ज्ञान में वृद्धि का प्रभाव होगा।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा चतुर्थ भाव में होने पर मानसिक असंतोष, बेचैनी, भय, काम में हानि, जल से भय स्वजनों के साथ असंतोष की स्थिति प्रभावित कर सकती है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा पंचम स्थान पर होने से शोक, असंतोष, संतान कष्ट, मांसपेशियों में तनाव एवं दर्द की स्थिति प्रभावित कर सकती है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा छ्ठे स्थान पर होने पर रोग भय से मुक्ति, शत्रुओं का नाश, धन का आगमन, यात्रा, निवास का लाभ प्राप्त हो सकता है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा सप्तम स्थान पर होने से सुख की प्राप्ति, प्रेम प्रसंगों की वृद्धि, वाहन इत्यादि की प्राप्ति, स्त्री सुख की प्राप्ति हो सकती है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा अष्टम स्थान पर होने से भय, तनाव, मानसिक असंतोष की स्थिति परेशान कर सकती है। खान पान से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा नवम स्थान पर होने से यात्राओं का योग, आलस्य का प्रभाव अधिक रह सकता है। संतान से मतभेद, स्थान परिवर्तन एवं काम काज में परेशानी रह सकती है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा दशम भाव पर होने से इष्ट कार्यों की सिद्धि हो सकती है, स्वास्थ्य लाभ, काम काज में प्रगति की स्थिति को दर्शाता है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा एकादश स्थान पर होने से आर्थिक लाभ, प्रसन्नता की प्राप्ति, सगे संबंधियों के साथ मेल-जोल, भोजन इत्यादि का सुख प्राप्त हो सकता है।
जन्म कुंडली के चंद्रमा से गोचर का चंद्रमा द्वादश स्थान पर होने से शोक, व्यय, मानसिक तनाव की वृद्धि, शारिरिक कष्ट की स्थिति, व्यर्थ की यात्रा, आपसी मतभेद की स्थिति परेशान कर सकती है।
इन सभी कारकों को गंभीरता से जानने और पढ़ने के लिए आप डॉ विनय बजरंगी की वेबसाइट से ऑनलाइन दैनिक राशिफल/online daily horoscope पढ़ सकते हैं।