मेष राशि की अन्य राशियों के साथ अनुकूलता
मेष राशि मंगल के स्वामित्व की राशि है। मेष राशि उत्साह जोश, साहस, नेतृत्व, आगे रहने और पहल करने की इच्छा शक्ति के गुणों से भरपूर होती है। मेष राशि में जो तेजी होती है वह उसे सभी से अलग और आकर्षक बनाती है। इस राशि के लोगों को दूर से ही पहचाना जा सकता है, क्योंकि यह अपने इतना रोमांच रखती है की हर पल कुछ करती दिखाई देती है। मस्ती और उमंग इसमें मौजूद होती है, तो क्रोध और जिद्द भी बहुत है। मेष राशि के साथ जब अन्य राशियां जुड़ती हैं तो कैसा उनका एक दूसरे के साथ व्यवहार होता है, किन के साथ इनका साथ बेस्ट हो सकता और किन के साथ इन्हें एडजस्टमेंट करनी पड़ सकती हैं। इन सभी प्रश्नों के सही जवाब जानने के लिए आइये समझते हैं सभी राशियों के साथ मेष राशि का संबंध।
मेष का मेष के साथ संबंध
चलिए जानते हैं मेष राशि का अपनी राशि के साथ कैसा संबंध रहता है। मेष राशि के साथ मेष राशि का मेल रोमांच और उत्साह का संगम बनता है। मेष एक अग्नि तत्व राशि है, हर पल कुछ न कुछ करते रहने, रोमांच की खोज, नई संभावनाओं की तलाश इसमें देखी जा सकती है। ऐसे में एक ही गुण तत्वों की राशि वालों का मेल जब होता है तो चीजें काफी महत्वपूर्ण रूप से असर डालने वाली होती ही हैं। यहां समानताएं काफी बड़े स्तर पर सामने होती हैं। इन्हें खुद को भाग्यशाली समझना चाहिए कि दोनों एक साथ होते हैं, क्योंकि इनकी अनुकूलता बहुत अच्छी मानी जाती है।
जब मेष राशि दूसरे मेष राशि के व्यक्ति से मिलते हैं, तो वे तुरंत एक दूसरे में साहस और स्वतंत्र भावना को देख सकते हैं। ये दोनों परफेक्ट साथी हो सकते हैं। इनका रिश्ता दिलचस्प हो सकता है क्योंकि इनकी केमिस्ट्री के दूसरे के साथ काफी काम करती दिखाई देती है। दोनों में ही जुनून होता है। काम कोई भी हो आगे बढ़ कर सामने खड़े दिखाई देते हैं। नई चीजों के लिए तैयार रहते हैं। घबराते नहीं हैं बल्कि उत्साह दिखाते हैं। इस गुण के चलते एक दूसरे के साथ होने पर एक दूसरे को काफी प्रभावित करने में सफल हो सकते हैं।
दोनों ही मंगल ग्रह और राशि की ऊर्जा से प्रभावित होते हैं, तो ऐसे में स्वाभाविक है कि अपनी स्वतंत्रता को आसानी से छोड़ना नहीं चाहते हैं, इसलिए अपने साथी की भावना को समझें और उसे स्पेस भी दीजिए ऐसा करने से एक दूसरे के साथ रिश्ते में काफी प्रगाढ़ता को देख पाएंगे। अपनी कुछ बातों पर अगर ध्यान देते हैं तो ये दोनों ही अपने रिश्ते में एक दूसरे के लिए पूरक की तरह दिखाई देंगे और बेस्ट कपल होंगे।
मेष के साथ वृष कितने अनुकूल हैं
मेष मंगल की राशि है वहीं वृष शुक्र की। मेष राशि के साथ वृषभ राशि का संबंध मिले जुले परिणाम दे सकता है। मेष अग्नि तत्व है और वृष पृथ्वी तत्व। मेष में उत्साह है तो वृष में स्थिरता का भाव है। इन दोनों के गुण धर्मों में काफी अंतर होता है लेकिन ये दोनों एक साथ जब प्रेम और रोमांस में होते हैं तो काफी अलग प्रभाव दिखाने वाले होते हैं। इन दोनों का एक साथ आना सामान्य दिखाई दे सकता है लेकिन आंतरिक रूप से यह संबंध काफी गर्माहट लिए भी होता है। दोनों के स्वभाव काफी भिन्न होते हैं लेकिन प्रेम को लेकर दोनों के भीतर एक जैसी चाह भी देखने को मिलती है इसलिए इनका रोमांस काफी अच्छे से काम कर सकता है दोनों एक दूसरे को यौन संबंधों में संतुष्ट करने की क्षमता भी रखते हैं।
इन दोनों के मध्य गजब का आकर्षण काम करता है। शुरुआत में दोनों एक दूसरे के विपरीत लग सकते हैं लेकिन जब साथ आते हैं तब इन्हें एक दूसरे की ऊर्जा और अभिव्यक्ति का बोध होता है। मेष बदलाव और हर बार कुछ अलग करने की चाह में होता है लेकिन वृषभ इतने बदलावों के लिए तैयार न हो पाए ये एक दूसरे को रोमांस का रोमांच दे सकते हैं लेकिन भावनात्मक रूप से बहुत अधिक जुड़ पाना मुश्किल होगा। इन दोनों की केमिस्ट्री बेडरूम में तो अच्छी होगी लेकिन दूसरे पहलू इग्नोर होने पर रिश्ता निभाना कुछ मुश्किल भरा भी लग सकता है।
मेष के साथ मिथुन कितने अनुकूल हैं
दोनों ही राशियां जोश से भरे रहने वाली राशियां है। मेष राशि और मिथुन राशि इन दोनों का संबंध उत्साह और नई चीजों को करने वाला होता है। इन दोनों के भीतर एक साथ काम करने और एक दूसरे का होने की अनुकूलता काम कर सकती है। उत्साहित और नया अनुभव पाने के लिए आगे रहते हैं। मेष ऊर्जा और अग्नि तत्व प्रधान है। वहीं मिथुन राशि द्विस्वभाव वाली और वायु तत्व प्रधान राशि है। इन दोनों राशि के लोगों में एक दूसरे को लेकर जोश बना रहता है। एक दूसरे के साथ के प्रति आकर्षण भी इसमें होता है। दोनों साथ आने में अधिक समय नहीं लेते हैं।
इतना सब होते हुए भी कुछ बातें हैं जो इन दोनों को परेशानी में भी डाल सकती हैं। मिथुन प्रेम संबंधों में चीजों को अधिक गंभीरता से नहीं लेते लेकिन मेष अपने प्यार को लेकर काफी गंभीर हो सकते हैं वह उनके स्वतंत्र स्वभाव को लेकर भी कुछ अधिक सोच विचार में रह सकते हैं। दूसरी ओर मेष का क्रोध और अपनी स्वतंत्रता पर हस्तक्षेप मिथुन को पसंद न आए। मेष अपने साथी पर अपना पूरा हक जमाने की इच्छा रखता है। लेकिन मिथुन इस बात को ज्यादा पसंद न करे उसे अपनी आजादी में बाधा लग सकती है।
जहां दोनों राशि के प्रेमी रोमांस और प्रेम के प्रदर्शन में काफी रोमांचक स्वभाव रखते हैं। वह प्यार को अलग-अलग तरह से प्रदर्शित करने की चाह भी रखते हैं, बोरियत बर्दाश्त ही नहीं कर सकते हैं। कुल मिलाकर अगर इन बातों पर ये अधिक ध्यान न दें तो एक दूसरे के लिए काफी अच्छा मैच बन सकते हैं।
मेष के साथ कर्क का संबंध
मेष अग्नि तत्व राशि है, तो वहीं कर्क राशि जल तत्व वाली राशि है। ऐसे में यहां अग्नि को जल शांत कर देने जैसी प्रतिक्रिया दिखाता है। मेष और कर्क के बीच रिश्ता मध्यम स्तर का दिखाई दे सकता है। कर्क में भावनाओं की अधिकता है तो मेष में कुछ न कुछ करते रहने की इच्छा है। जहां एक बात जो विशेष रूप से काम करती है ओर वो होती है मेष के भीतर जो कुछ है उसे कर्क काफी हद तक कंट्रोल कर सकता है। कर्क राशि शांत और अधिक सोच विचारों वाली है, अपने साथी के अनुरूप ढलने की कोशिश भी करती है लेकिन मेष के मामले में स्थिति दूसरा पक्ष रखने वाली है। यहां जोश है और जिज्ञासा है।
कर्क का भावनात्मक लगाव मेष राशि को पसंद आ सकता है क्योंकि ये प्रेम में पूर्णता: की चाह रखते हैं। कर्क राशि के जातक का रोमांस मेष के जातक को संतुष्टि प्रदान कर सकता है। जो वेग अग्नि में है वही वेग का स्वरूप जल में भी समाहित होता है और अग्नि को तृप्त करने में जल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कर्क राशि के लोगों का अत्यधिक भावनात्मक होना शायद मेष राशि के लोगों को अधिक पसंद न आए ऐसे में कर्क राशि का जातक अपनी भावनाओं के प्रति मेष की बेरुखी पसंद न करे।
प्रेम दोनों में ही भरपूर होता है लेकिन प्रकट करने का तरीका दोनों का ही अलग होता है। एक जल्दी से प्रेम को प्रकट करना चाहेगा तो दूसरा शर्मीला होगा कुछ समय लेगा। दोनों ही घूमने फिरने का शौक भी रखते हैं तो एक दूसरे के साथ पाकर खुश भी होंगे। यौन आकर्षण दोनों में होगा लेकिन जब आगे बढ़ते हैं तो एक दूसरे के साथ उतने मजबूत नहीं दिखाई दे पाते हैं। यहां आवश्यकता होगी अपने रिश्ते में लगातार उत्साह और कुछ नयापन बरकरार रखा जाए। उत्साह, रोमांच और भावनाओं का क्रम सही से काम करेगा तो ये रिश्ता बेहतर काम कर पाने में सफल होगा।
मेष के साथ सिंह का संबंध
दोनों ही राशियां अग्नि तत्व प्रधान हैं जो इनके बीच एक अच्छी केमिस्ट्री बना सकता है। मेष और सिंह के बीच रिश्ता काफी अच्छे से काम करने वाला होता है। इन दोनों में ही उत्साह और जोश भरपूर देखने को मिलता है। इन दोनों के संबंध बेहतर माने जाते हैं। इन दोनों में प्रेम संबंधों को लेकर दोनों में गर्मजोशी का भाव देखने को मिल सकता है। एक दूसरे को संतुष्ट कर पाने में भी दोनों सक्षम होते हैं। दोनों ही अपने प्यार को जताने में आगे रह सकते हैं। एक दूसरे के साथ होने पर बोर नहीं होते हैं। एक दूसरे के लिए अच्छे साथी बन सकते हैं। कठिन परिस्थितियों में एक दूसरे का मजबूत सहारा भी बनेंगे।
दोनों में ही स्वतंत्रता की इच्छा होती है। अपनी उन्मुक्त विचारधारा के चलते एक दूसरे को आकर्षित कर पाने में भी सफल रहेंगे। प्यार में दोनों ही रोमांस और नई चीजों के साथ जुड़ना पसंद कर सकते हैं। एक दूसरे के प्रति यौन आकर्षण भी इनमें अच्छा काम करता है। प्यार का अहसास इनमें गजब का होता है। अपनी अदाओं से यह दीवाना बना सकते हैं। अगर एक अपने क्रोध को नियंत्रित रखें और दूसरा उत्साह और बदलाव की चाह को कंट्रोल में रखे तो दोनों के रिश्ते में कोई कमी आसानी से नहीं आ सकती है।
यहां दोनों में अहंकार बहुत होता है क्रोध और जिद्द भी दोनों की ही खराब होती है। यह रिश्ता बहुत रोमांटिक हो सकता है। अगर दोनों प्रेमी एक दूसरे की कमियों को समझते हुए आगे बढ़ते हैं, तब इनकी जोड़ी परफेक्ट जोड़ी बन सकती है।
मेष के साथ कन्या का संबंध
इन दोनों का रिश्ता कई मायनों में अलग दिखाई देता है। मेष और कन्या के बीच का रिश्ता आगे बढ़ने में समय ले सकता है। दोनों के मध्य अनुकूलता कम ही दिखाई देती है। मेष जितना उत्साहित होता है कन्या में उतनी ही शांति देखने को मिलती है। मेष और कन्या के रिश्ते यौन संबंधों में भी धीमी गति से ही आगे बढ़ते हैं। दोनों एक दूसरे के विपरीत धारा में बहते दिखाई दे सकते हैं। रिश्ते में आगे बढ़ने के लिए दोनों को प्रयास करने की कोशिश करनी होती है। कन्या राशि धैर्य के साथ काम करने और आगे बढ़ना चाहती है। मेष में अस्थिरता-तेजी का भाव होता है। मेष राशि के लोगों में जल्दबाजी और उत्साह की भरपूर मात्रा मिलती है जो शांत-स्थिर और खुद को ढालने के लिए संघर्ष करती दिखाई दे सकती है।
कन्या राशि वाले तर्क-वितर्क में भी कुशल होते हैं और हाजिर जवाबी भी होते हैं, यही बातें मेष में भी दिखाई देती हैं। जिस कारण आप एक दूसरे के निकट आ सकते हैं। मेष को कन्या का संकोची व शर्मीला स्वभाव आकर्षित लग सकता है लेकिन ज्यादा देर तक इस स्थिति को संभाल पाना मेष के लिए मुश्किल होता है। मेष अपनी भावनाओं को जल्द से प्रकट कर देना पसंद करते हैं और चाहेंगे की साथी भी ऐसा ही करे लेकिन कन्या समय लेते हैं। यौन संबंधों में ये बात परेशानी देने वाली हो सकती है इसलिए इन दोनों को एक दूसरे के स्वभाव को समझने और उसके अनुसार खुद को ढालने की काफी कोशिश करनी होती है तभी इनके बीच रिश्ता अच्छे से उभर सकता है।
मेष के साथ तुला का संबंध
तुला में कल्पनाओं का संसार होता है तो मेष वास्तविकता पर निर्भर रहने वाली राशि है। मेष और तुला के बीच रिश्ता आसान नहीं होता है। दोनों को ही अपनी ओर से प्रयास करते रहने की जरुरत होती है। दोनों ही राशि में यौन आकर्षण का भाव कमाल का काम करता है। शुरुआती तौर पर दोनों ही एक दूसरे को प्रभावित करने में सफल भी रहते हैं। तुला छोटी छोटी बातों के प्रति भी संवेदनशील होते हैं, ऐसे में मंगल को उसकी भावनाओं को संभाल पाना कठिन लग सकता है।
मेष का स्वामी मंगल है और तुला का शुक्र हैं, दोनों रोमांस और प्रेम से भरपूर दिखाई देते हैं लेकिन रिश्ते को लम्बे समय तक चला पाना आसान नहीं होता है। दोनों के गुण तत्वों में भिन्नताएं होती हैं जो इस तरह से एक रिश्ते को चला पाने में दिक्कतें दे सकती हैं। दोनों जब एक दूसरे से जुड़ते हैं तो रोमांस और जोश भरपूर देखने को मिलता है, लेकिन धीरे धीरे ही चीजें जब सामने आती हैं तब परेशानी खड़ी होती है। दोनों ही प्यार और रोमांस के मामले में उत्सुक दिखाई दे सकते हैं, लेकिन यह दौर आरंभिक रुप का ही हो सकता है।
मेष का स्वतंत्र और अपनी सोच के चलते कुछ जिद्दी हो जाना स्वभाविक है, तो वहीं तुला में हंसमुख स्वभाव और चंचलता मौजूद होती है। प्रेम के मामले में यह दोनों ही बहुत उत्सुक और रोमांटिक होते हैं। प्यार का अहसास इनमें गजब का होता है। अगर दोनों अपनी सीमाओं का ध्यान रखें, क्रोध को नियंत्रित रखें और बहुत अधिक उत्साह एवं नई कल्पनाओं को संतुलित रखते हुए व्यवहार करें तो दोनों के मध्य बेहतर रिश्ता बनता दिखाई दे सकता है।
मेष के साथ वृश्चिक का संबंध
दोनों राशियों के बीच अनुकूलता देखने को मिलती है। मेष और वृश्चिक के बीच रिश्ता काफी मजबूत दिखाई देता है। इन दोनों के साथ एक चीज जो विशेष दिखाई देती है, वह इन दोनों राशियों का स्वामी, जो मंगल है। ऐसे में यह स्थिति कुछ सकारात्मक होती है। मेष राशि और वृश्चिक राशि के बीच बनी जोड़ी एक जोश भरे रिश्ते को दर्शाती है। यह एक दूसरे के साथ संबंधों को लेकर उत्सुकता और रोमांस से भरपूर रह सकते हैं। दोनों का प्यार जोश से भरा रह सकता है। दोनों के बीच यौन आकर्षण काफी काम करता है। एक दूसरे को संतुष्टि देने में भी दोनों सफल रह सकते हैं।
दोनों राशियों के स्वामी एक होने पर भी इन राशियों के गुण धर्म अलग होने से इनके बीच भिन्नता देखने को मिल सकती है। इन दोनों राशियों के बीच संबंध तो बनते हैं लेकिन यह संबंध विवाद में भी अधिक रह सकते हैं। वृश्चिक भरपूर रोमांस वाली राशि है लेकिन मेष के साथ होने पर यह उतना काम न कर पाए। एक दूसरे से अलगाव और तकरार इन दोनों के मध्य बना रहता है।
दोनों ही अपनी परिस्थितियों के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पाते हैं। प्रेम और रोमांस में कमी नहीं होगी लेकिन विचार और भावनात्मक दूरी चीजों को जटिल बना सकती है। जहां दोनों में ऊर्जा तो समान रूप से है तो इस ऊर्जा को संभालने में दोनों का योगदान चाहिए होगा। दोनों में सहनशीलता का अभाव भी होगा जिसके कारण एक दूसरे के साथ विवाद कर सकते हैं। एक दूसरे से अलगाव और तकरार तब होगी जब आप दोनों ही समान रूप से अपने को आगे रखने का प्रयास करेंगे।
मेष के साथ धनु का संबंध
मेष राशि का स्वामी मंगल है और धनु राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। मेष और धनु के बीच का रिश्ता मस्ती और रोमांस दोनों ही चीजों का अच्छा मेल दर्शाता है। इनके प्रेम संबंध अनुकूल माने जाते हैं। दोनों ही अग्नि तत्व हैं, प्रेम संबंधों के मामले में इनका एक दूसरे के प्रति लगाव और आकर्षण बना ही रहता है। इन दोनों में ही प्रेम का अहसास मजबूत होता है। एक दूसरे के साथ उत्साह से भरपुर दिखाई देते हैं यौन संबंधों में भी एक दूसरे को संतुष्ट करने में सफल रह सकते हैं। रिश्ता संतुष्टि की अनुमति देने वाला बनता है। मैत्री भाव भी इनमें बेहतर होता है। एक साथ मिलकर यह बेहतर की प्राप्ति में भी सफल हो सकते हैं।
इन दोनों का साथ में आना प्रेम को काफी ऊर्जावान बनाने वाला होता है। दोनों एक अच्छी जोड़ी के रुप में उभर कर सामने आ सकते हैं। दोनों ही प्रेम को प्रकट करने में निपुण होंगे। दोनों के बीच रोमांस आवेग और उत्साह से भरपूर होगा। आपके रिश्ते को मजबूत और अंतरंगता देने के लिए यह अनुकूल संभावनाएं दिखाई देती हैं। मेष और धनु दोनों एक दूसरे के साथ का आनंद उठाते हैं यह एक दूसरे से बोर नहीं होते हैं क्योंकि दोनों को ही कुछ नया करना पसंद होता है। इन सब के बावजूद कुछ बातें हैं जो इनके रिश्ते को कमजोर भी कर सकती हैं। क्रोध और जिद्द दोनों में होता है। दोनों में अभिमान का भाव भी होगा। एक दूसरे को नियंत्रित करना मुश्किल होगा इसलिए दोनों में से कोई भी एक अगर समझ जाता है, तो दोनों को अपने रिश्ते को आगे तक ले जान में मुश्किल नहीं आएगी।
मेष के साथ मकर का संबंध
मेष राशि एक उत्साह से भरपूर राशि है, वहीं मकर राशि एक शांत और सोच समझकर चलने वाली राशि है। मेष राशि और मकर राशि के मध्य का संबंध बहुत अधिक अनुकूल नहीं रह पाता है। यह दोनों एक साथ सामान्य रूप से दिखाई दे सकते हैं। बहुत अधिक गहरा प्रेम या आकर्षण कम ही देखने को मिल सकता है। मेष का उत्साह मकर को परेशान कर सकता है। तो दूसरी ओर मकर के विचार मेष को बोर कर सकते हैं। मेष राशि का स्वामी मंगल है तो मकर राशि का स्वामी शनि है। ऐसे में यहां ऊर्जाएं अलग स्तर पर काम करने वाली होंगी। दोनों ही प्रेम के प्रति अपना प्रयास करते हैं लेकिन एक दूसरे के साथ बहुत अधिक तालमेल को देख नहीं पाते हैं।
मेष जल्दबाजी में दिखाई देता है। अपने प्रेम को प्रकट करने में आगे रह सकता है वहीं मकर कुछ सोच समझ कर आगे बढ़ना पसंद करेगा। दोनों ही अपने अनुसार प्यार की खोज में लगे रहते हैं जिसके कारण एक दूसरे को समझ ही नहीं पाते हैं। मेष राशि प्यार में स्वतंत्र और उन्मुक्त होना चाहते हैं। रोमांस में कुछ नयापन और रचनात्मकता का भाव लिए होते हैं। मकर राशि वाले प्यार में पूरी योजना के साथ आगे बढ़ना पसंद करते हैं। वह प्रेम में असफलता से डरते हैं इस लिए अपनी ओर से कोई कमी नहीं दिखाना चाहते हैं।
रिश्ते को लम्बा चलाने के लिए दोनों ओर से काफी प्रयास करने की आवश्यकता पड़ती है। दोनों के मध्य बहुत सी बातों को लेकर विरोधाभास एवं वाद-विवाद दिखाई दे सकता है। मकर में भावुकता से अधिक व्यावहारिकता देखने को मिलती है। मेष अपनी सोच को लेकर दृढ़ निश्चय से भरे होते हैं। मकर जातक बुद्धिमान और तर्कसंगत बात करना पसंद करते हैं। कई बार मेष जातक अपने साथी मकर को कठोर समझ सकते हैं। इस रिश्ते में जरूरत है अपनी जिद को दरकिनार करते हुए एक दूसरे के प्रति धैर्य और सामंजस्यता पूर्ण व्यवहार करने का प्रयास करें।
मेष का कुंभ के साथ संबंध
इन दोनों ही राशियों का मेल मतलब दो एक समान चीजों को एक साथ रखना है। मेष और कुंभ के बीच संबंध अनुकूल रहता है। इन दोनों में उत्साह और जोश काफी होता है, इसलिए एक साथ मिलकर मस्ती भरे पलों का आनंद बखूबी ले सकते हैं। दोनों का प्रेम व रोमांस एक दूसरे को बांधे रखने वाला होता है। प्यार में जोश भरा होता है। एक दूसरे के साथ आगे बढ़कर काम करना पसंद कर सकते हैं यौन आकर्षण और संतुष्टि देने में सफल हो सकते हैं। दोनों को ही स्वतंत्रता को पसंद करते हैं और प्रेम में मस्ती जोश की इच्छा रखते हैं।
इन दोनों का प्यार मस्ती और स्वतंत्रता वाला होता है। एक दूसरे के साथ का आनंद उठाते हैं। इस रिश्ते में उतार-चढ़ाव भी रहते हैं। दोनों के लिए एक दूसरे को समझने में मुश्किल भी होगी। कुंभ को समझना आसान नहीं होता है। मेष का जल्द क्रोध में आ जाना या दूसरे से अधिक अपेक्षा रखने वाला स्वभाव भी सामने आता है। दोनों अपनी बातों को लेकर कुछ अधिक ही जिद में आ सकते हैं। इस संबंध को बनाए रखने के लिए मेष को अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए और कुंभ को भी मेष को समझने के लिए कुछ समझौते करने होंगे। एक दूसरे की विचारधारा के साथ बढ़ते हुए रिश्ता आगे ले जाना संभव होता है।
मेष का मीन के साथ संबंध
एक तरफ मेष में तेजी है, वहीं दूसरी तरफ मीन में भावनात्मक रुझान बहुत अधिक है। मेष और मीन के बीच रिश्तों में उतार-चढ़ाव अधिक देखने को मिल सकता है। मेष राशि अग्नि तत्व है और मीन राशि में जल तत्व की प्रधानता है। दोनों को एक साथ आगे बढ़ने के लिए कई तरह से जतन करने होते हैं। दोनों को रिश्तों में कई तरह से समझौते करने की आवश्यकता पड़ती है। दोनों की आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं। दोनों की यौन संतुष्टि का भाव भी अलग होता है। मेष को अपना एकाधिकार बनाए रखने की इच्छा होती है तो मीन को इस स्थिति से अपनी इच्छाओं के दमन होने का अनुभव हो सकता है।
मेष जोश से भरपूर कुछ रोमांच से भरपूर करने को उत्सुक होता है, मीन राशि शांत और मन में अधिक सोच विचार करने वाली राशि है। इनका व्यवहार मेष के साथ तालमेल बिठा पाने में सफल नहीं हो पाता है। मीन राशि के लोग मेष राशि के लोगों की तेजी, आक्रामकता और गुस्सा बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। दूसरी ओर मेष को लग सकता है कि मीन बहुत भावुक और संवेदनशील होते हैं।
मीन राशि वाले मेष वाले को अपनी ओर से खुश रखने की कोशिश अवश्य करते हैं। उल्लास से भरपूर स्वभाव दोनों में होता है इसलिए एक दूसरे को प्रभावित भी कर सकते हैं। लेकिन उदास भी हो सकते हैं क्योंकि मीन राशि वाले बहुत कोमल भावनात्मक होते हैं। ऐसे में दोनों के मध्य विवाद भी हो सकता है। इसलिए दोनों को एक दूसरे की फीलिंग समझने की आवश्यकता है।
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