Kajari Teej 2022 - भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया

Teej Festival: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है कज्जली तृतीया। कजरी तीज/Kajali Teej, बूढ़ी तीज व सातूड़ी तीज के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व। इस वर्ष 14 अगस्त को मनाई जाएगी कज्जली तृतीया

तृतीया तिथि आरंभ: 14 अगस्त, रात्रि 00:54 से

तृतीया तिथि समाप्त: 14 अगस्त, रात्रि 10:36 तक

कज्जली तृतीया शुभ पूजा मुहूर्त: 14 अगस्त, प्रातः 09:08 से दोपहर 12:26 तक


उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है यह पर्व

माँ पार्वती ने इस व्रत के प्रभाव से भोलेनाथ को पति रूप में किया था प्राप्त

इसलिए इस व्रत में शिव-पार्वती की मुख्य रूप से की जाती है पूजा-अर्चना

सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा व पति की दीर्घायु के लिए रखती है यह व्रत

कई स्थानों में कुंवारी कन्याएं भी उत्तम वर की प्राप्ति हेतु रखती है यह व्रत

कुछ स्थानों पर निर्जला रखा जाता है कज्जली तृतीया का व्रत/Kajrai Teej Vrat

सुहागिन महिलाएं झूला झूलकर अपनी खुशियों को करती है व्यक्त

कज्जली तीज पर ढ़ोलक, मंजीरे आदि के साथ गाए जाते हैं लोक गीत

इस दिन गेहूं, जौ व चने के सत्तू में घी मिलाकर बनाए जाते हैं कई तरह के पकवान

आटे की 7 रोटियां के ऊपर गुड़ चना रखकर गौमाता को खिलाया जाता है यह भोग

शाम को चंद्र दर्शन करके खोला जाता है यह व्रत


यदि आप किसी अन्य व्रत की जानकारी अथवा शुभ मुहुर्त जानने के लिए आज का पंचांग/Today's Panchang देखे।

Source: https://vinaybajrangidham.blogspot.com/2022/08/kajari-teej.html