Post date: Dec 13, 2019 2:4:33 AM
बाँह गहे कोई
अपरिचय के
सागर में
दृष्टि को पकड़ कर
कुछ बात कहे कोई ।
लहरें ये
लहरें वे
इनमें ठहराव कहाँ
पल
दो पल
लहरों के साथ रहे कोई ।