Post date: Nov 23, 2019 5:8:38 AM
नमो नमो जय श्रीगोबिंद।
आनँदमय ब्रज सरस सरोवर,
प्रगटित बिमल नील अरबिंद॥१॥
जसुमति नीर नेह नित पोषित,
नव नव ललित लाड़ सुखकंद।
ब्रजपति तरनि प्रताप प्रफुल्लित,
प्रसरित सुजस सुवास अमंद॥२॥
सहचरि जाल मराल संग रँग,
रसभरि नित खेलत सानंद।
अलि गोपीजन नैन गदाधर,
सादर पिवत रुपमकरंद॥३॥