पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने हैमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया मीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
हस्ती अपनी हबाब की सी हैमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़ Meer Taqi Meer Ghazal Ghazals
देख तो दिल कि जाँ से उठता हैमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
फ़क़ीराना आए सदा कर चले मीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
अश्क आँखों में कब नहीं आतामीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
यारो मुझे मुआ’फ़ रखो मैं नशे में हूँमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्यामीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
ज़ख़्म झेले दाग़ भी खाए बहुतमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
क्या हक़ीक़त कहूँ कि क्या है इश्क़मीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
जिस सर को ग़ुरूर आज है याँ ताज-वरी कामीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
ग़म रहा जब तक कि दम में दम रहामीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहोमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
आरज़ूएँ हज़ार रखते हैंमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
हमारे आगे तिरा जब किसू ने नाम लियामीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
हम हुए तुम हुए कि ‘मीर’ हुएमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
आए हैं ‘मीर’ काफ़िर हो कर ख़ुदा के घर मेंमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
जिन के लिए अपने तो यूँ जान निकलते हैंमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
चलते हो तो चमन को चलिए कहते हैं कि बहाराँ हैमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
बार-हा गोर-ए-दिल झंका लायामीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
जिन जिन को था ये इश्क़ का आज़ार मर गएमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
जो इस शोर से ‘मीर’ रोता रहेगामीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
था मुस्तआर हुस्न से उस के जो नूर थामीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
उम्र भर हम रहे शराबी सेमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
मुँह तका ही करे है जिस तिस कामीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
आवेगी मेरी क़ब्र से आवाज़ मेरे बा’दमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
आए हैं ‘मीर’ मुँह को बनाए ख़फ़ा से आजमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
इस अहद में इलाही मोहब्बत को क्या हुआमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
इश्क़ में ज़िल्लत हुई ख़िफ़्फ़त हुई तोहमत हुईमीर तक़ी मीर ग़ज़ल Meer Taqi Meer Ghazal
meer-taqi-meer-