Hadtal Mridang Lyrics: भोले चरणीय आराधना के अमृत बोल
इसके बोल (hadtal Mridang lyrics) निम्नलिखित है:
पण देवा…
देवा सो ना दास अण विलासे
वलु धाय करे
पण गंगा, गंगा गोथां खाय
ऐ ये वो कोक जो जटाधर कागड़ा
भभके गण भूत भयंकर
भूतल नाथ अंधन्त्र ते नखते
बण के तल अम्बर बधाय भंखर
गाजत जंगर पांख गते
डमरूय डड़ंकर, डड़ंकर, डड़ंकर
डमरू ये डड़ंकर बाह
डड़ंकर शंकर ते कैलाश सरे..
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे
हडडं खडडं ब्रह्मांड हले
डडडं डडडा कर डाक बजे
जलल दग जवाल कराल जरे
सचर थडडं गण साज सजे
कडक़े धरणी डडडं डडडं
हडडं मुख नाथ गर्जत हरे
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे
हड़ताल मृदंग हहुकट हाकट
धाकट धिकट नाद धरे
द्रह द्राह दिदिकट विकट दोकट
फट फरंगत फेर फरे
धधडे नग धोम धधाकट धीकट
हड़ताल मृदंग हहुकट हाकट
धाकट धिकट नाद धरे
द्रह द्राह दिदिकट विकट दोकट
फट फरंगत फेर फरे
धधडे नग धोम धधाकट धीकट
चैंघट घोर कृताल धरे
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे, शम्भू..
सरणाई सेंसाट अपार छटा
चहु थाट नगाराय चोब रडे
करताल थपाट झपाट कटाकर
ढोल धमाकट मेर पडे
उमिया संग नाट गणु सर्वेश्वर
ईश्वर थई तंता उचरे..
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे
पण देवो नी आगत दूत..
अन रूपला कायम रिये
पण भेला, भेला राखे भूत
ऐ वो तो कैलाश वालो कागड़ा
नाचत नी शंका मृगमृग पंखा
घममम घमका घुँघुरु का
ढोलूं का ढमका होवद हमका
डम-डम, डम-डम डम डिमाग
डिम-डिम डिमाग, डिम-डिम डिमाग
हे डम-डम डमका डमरू का
रणतुर रणका भेद भणका
गगन झणका गहरेशा..
जयदेव, जयदेव, जयदेव सिद्धेशा
हरण कलेशा, मगन हमेशा
माहेशा जी, मगन हमेशा माहेशा..
हरी ओम..
हर हर, हर हर, हर हर, हर हर
महादेव शम्भू त्रिपुरारी, जटाधर
शंकर, शंकर, शंकर, शंकर, शंकर, शंकर
महादेव…
हरी ओम हर हरना ज्यां नाद
त्यां शीश भाण उगे दिन रात
तुज विण दीप प्रदीप ना वात
शिव छो कण-कण मां हयात
शिव ने भजो दिन ने रात
शिव ने भजो दिन ने रात
शिव ने भजो दिन ने रात
शिव ने भजो दिन ने रात…
————————- समाप्त —————————
शीर्षक विवरण
नाम भोले चारणीय आराधना
बोल कागबापू और प्रदीप गढ़वी जी द्वारा रचित
स्वर मुक्तिदान गढ़वी जी
लेबल धर्मी डिजिटल
संगीत मुक्तिदान गढ़वी जी
TagsHadtal Mridang Lyrics: भोले चरणीय आराधना के अमृत बोल
इसके बोल (hadtal Mridang lyrics) निम्नलिखित है:
पण देवा…
देवा सो ना दास अण विलासे
वलु धाय करे
पण गंगा, गंगा गोथां खाय
ऐ ये वो कोक जो जटाधर कागड़ा
भभके गण भूत भयंकर
भूतल नाथ अंधन्त्र ते नखते
बण के तल अम्बर बधाय भंखर
गाजत जंगर पांख गते
डमरूय डड़ंकर, डड़ंकर, डड़ंकर
डमरू ये डड़ंकर बाह
डड़ंकर शंकर ते कैलाश सरे..
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे
हडडं खडडं ब्रह्मांड हले
डडडं डडडा कर डाक बजे
जलल दग जवाल कराल जरे
सचर थडडं गण साज सजे
कडक़े धरणी डडडं डडडं
हडडं मुख नाथ गर्जत हरे
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे
हड़ताल मृदंग हहुकट हाकट
धाकट धिकट नाद धरे
द्रह द्राह दिदिकट विकट दोकट
फट फरंगत फेर फरे
धधडे नग धोम धधाकट धीकट
हड़ताल मृदंग हहुकट हाकट
धाकट धिकट नाद धरे
द्रह द्राह दिदिकट विकट दोकट
फट फरंगत फेर फरे
धधडे नग धोम धधाकट धीकट
चैंघट घोर कृताल धरे
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे, शम्भू..
सरणाई सेंसाट अपार छटा
चहु थाट नगाराय चोब रडे
करताल थपाट झपाट कटाकर
ढोल धमाकट मेर पडे
उमिया संग नाट गणु सर्वेश्वर
ईश्वर थई तंता उचरे..
परमेश्वर मोज धरी पशुपालण
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे जी
काम परजालण नाच करे
पण देवो नी आगत दूत..
अन रूपला कायम रिये
पण भेला, भेला राखे भूत
ऐ वो तो कैलाश वालो कागड़ा
नाचत नी शंका मृगमृग पंखा
घममम घमका घुँघुरु का
ढोलूं का ढमका होवद हमका
डम-डम, डम-डम डम डिमाग
डिम-डिम डिमाग, डिम-डिम डिमाग
हे डम-डम डमका डमरू का
रणतुर रणका भेद भणका
गगन झणका गहरेशा..
जयदेव, जयदेव, जयदेव सिद्धेशा
हरण कलेशा, मगन हमेशा
माहेशा जी, मगन हमेशा माहेशा..
हरी ओम..
हर हर, हर हर, हर हर, हर हर
महादेव शम्भू त्रिपुरारी, जटाधर
शंकर, शंकर, शंकर, शंकर, शंकर, शंकर
महादेव…
हरी ओम हर हरना ज्यां नाद
त्यां शीश भाण उगे दिन रात
तुज विण दीप प्रदीप ना वात
शिव छो कण-कण मां हयात
शिव ने भजो दिन ने रात
शिव ने भजो दिन ने रात
शिव ने भजो दिन ने रात
शिव ने भजो दिन ने रात…
————————- समाप्त —————————
शीर्षक विवरण
नाम भोले चारणीय आराधना
बोल कागबापू और प्रदीप