लैप टॉप
यह देखो माँ,
आज मै छोटा सा,
जादूई डिब्बा ले आया,
माँ यह डिब्बा नहीं,
यह तो लैप टॉप है ।
कई तरह की ज्ञान वर्धक बैबसाइट,
गूगल, ई मेल, ई न्यूज,
इसमें लोड मैं कर लाया ।
माँ सुन्दर अदभुत कम्पयूटर खेल,
भी मैं इसमें भर लाया,
रामायण, महाभारत की विडियो शो देखकर,
माँ तुम चकित रह जायेगी,
मुँह में उंगली दबाकर,
लैप टॉप का लोहा मान जाओगी ।
दीदी ने भी ऑन लाइन शापिंग से,
इससे साड़ी है मंगवा दूँ,
पर अम्मा इस लैप टॉप की शापिंग के लिए,
तुम मेरे लिए कितने पैसे ले आई,
अरे अम्मा! तुमने तो मुझे लाकर के,
दे दिये रूपये दस हज़ार,
क्या वस्तु खरीदूगा मै,
तुम तो मन में करो विचार,
शर्ट, पैन्ट, टाई, मोबाइल, aaeeआई पैड,
तुम सोचती होगी मै लूंगा,
पर माँ यह सब मै कभी ना लूंगा
यह सब पापा मुझे ले देगें,
मै तो लैप टॉप द्वारा,
एस्ट्रानाँट क्लब का मेम्बर बन जाऊँगा ।
फिर कर्तब एस्ट्रानॉट के सीखकर,
सुनीता विलियम आंटी जैसे,
चतुर एस्ट्रानाँट बन जाऊंगा,
फिर चाँद सितारों की सैर करुगा ,
तुम्हारा एवं भारत माँ का नाम
रोशन करुगा ,
पर रहूगा माँ, यहाँ पास तुम्हारे,
तुमको भी लैप टॉप चलाना सिखाऊगा,
तुम कह दोगी जा,
एम आई टी-यूनिवस्ट्री, अमेरिका,
उत्तम एस्ट्रानॉट , ट्रेरेनिंग पाने,
हँसते,हँसते मैं जाऊगा,
पर बिना तुम्हारे,
चाँद पर मैं कैसे रह पाऊँगा ?
दिन भर घूमूँगा चाँद पर,
लौट कहाँ पर आऊँगा ?
किससे लूगां पैसे रूठकर,
तो कौन मुझे मनाएगा,?
कौन प्यार से बिठा गोदी में ?
हल्वा पूरी खिलाएगा ।
डाo सुकर्मा थरेजा
क्राइस्ट चर्च कालेज
कानपुर