भारत की चेतावनी

देखो चीनियों दुस्साहस ना करना,

भारतीय सीमा लांधने का प्रयास ना करना,

तुम बहुत कर चुके 1 9 6 2 में , अरुणाचल में,

अब सीमा उलंघन लद्दाख में,

यह हम सह ना पायेंगे,

तुमको अब हम अच्छी मुँह की खिलांएगे ।

वर्षो संसार घूमा हमने,

टैक्नालिजी बाधाओं को चूमा हमने,

अपने गुणों को निखारा हमने,

अव्बल टैक्नालजिस्ट, डाक्टर, डिफैन्स अधिकारी

वर्षो तैय्यार किये इस भारत माता ने ।

दिन चले गये जब भारत सोता था,

अब देखो चीनियों बदनीयती ना करना,

नहीं तो देखो भारत क्या-क्या करता है l

चीन तुमको समझाने को,

विश्व युध्द बचाने को,

मैत्री की राह बताने को,

सबको सुमार्ग पर लाने को,

हम भारतीय सुरक्षा अधिकारी आयें हैं,

फ्लैग मीटिंग करने आयें हैं,

1 2 1 करोड़ भारत वासियों का संदेश लाये हैं ।

देखो न्याय तुम्हें करना होगा,

1 9 किमी o हथियाई जो भूमि सीमा पर,

तुमको पीछे हटना होगा,

इसमें भी यदि बाधा हो,

तो क्या मानवता सबक,

तुमको हमें देना होगा ?

हम तुमसे मैत्री चाहते है,

यदि तुम यह ना कर पाओगे,

भारत जनता की आशीष एवं सदभावना

भी खो जाओगे;

तब समझो नाश है तुम पर छाया,

विवेक तुम्हारा गया मारा,

दुख का पहाड़ तुम पर आया ।

भारतीय सुरक्षा अधिकारीयों ने,

भीषण ऊँची हुँकार भरी,

मिसाइल, हथगोले बन्दूकों से,

अपना स्वरूप विकास किया,

डगमगा-डगमगा चीनी डोले,

भारतीय अधिकारी घोर कुपित बोले,

देखो ये मज़ाक नहीं समझो ,

यह कोइ हल्की बात नहीं ,

हमारे सभी हथियार गगन चुम्बी लय में है,

हम स्वयम पवन की लय में हैं,

हममें लय है संसार सकल,

चीन तो क्या विश्व संहार,

हममें झूलता है ।

तोप, बारूदी मिसाइल,

हथगोले बंदूके जो चाहो,

जाओ तुम ले आओ ,

पर तुम हमे साध ना पाओगे,

भारत माँ आशीर्वाद से लिप्त है हम,

तुम बाल बांका ना कर पाओगे ।

हित वचन हम तुमको देते है,

यदि इसको भी माना ना तुमने,

मैत्री मूल्य ना पहचाना तुमने,

तो समझो अब हम आते हैं,

अंतिम संकल्प सुनाते है,

चीनी भाइयों । याचना----

औचित्य अब खत्म हुआ,

अब तो केवल रण होगा ,

चीनियो अब तुम्हारी जय नहीं,

तुम्हारा तो अब मरण होगा ।

टकराओगे यदि तुम हमसे,

बरसेगी भू पर विकराल अनल,

शेष नाग के फन जैसे

डोलेगी यह धरती 1 9 किमी o,

हिन्दी -चीनी भाई का बंधन टूटेगा,

विष गोले भू पर छूटेगें,

मानव कंगाल अब यहाँ होगे,

सौभाग्य चीन के फूटेंगे,

चीन खोलकर कान तुम सुनलो,

तुम भूशाही निश्चित होगे ।

फ्लैग मीटिंग के सब लोग डरे,

चुप थे चीनी, कुछ बेहोशी की ओर बढ़े,

चीनी सुरक्षा अधिकारी,

कर जोड खड़े, पर डरे-डरे,

बोले भारतीयों हम वापिस जांयेगे,

भारत भू पर पैर रखने का ,

दुस्साहस ना दोहराएंगे l

भारतीयों हमें क्षमा दें दो,

हो गयी मतिभ्रष्ट हमारी ही,

जो हमने तुम्हे कमजोर समझा,

हिन्दी चीनी है भाई-भाई,

आओ गले मिलें, भाई-भाई,

आओ स्वागत करें भाई-भाई,

आओ खाए बैठ कर रस मलाईll 2

Dr sukarma Thareja

Alumnus IIT-K

ch. ch. college

kanpur