जज़्बा है प्यार,
भुलाओ खुद को एक बार,
खुशियों में दूसरों की शामिल हो दमदार,
माना कि वैलें टाइन डे का सम्बन्ध प्यार से जोरदार,
बच्चें का पहला वैलें टाइन माँ है उसकी,
परिवार का प्यार सपोर्ट है उसकी,
वैलें टाइन डे एक दिन की इबारत नहीं,
ये इबारत है सदियों सहेजें प्यार कि,
व्याकरण की शब्दों की,
ताकत भी कम होती,
जब प्यार की परिभाषा शब्दों में होती,
प्यार तो भाव है, वैलें टाइन दिवस का,
जो चेतना में साहस भरे सपनें संजोने का,
स्त्री-पुरुष के प्यार में,
दिखे आयना खूब सूरत ज़िन्दगी का,
सृजन होता अनगिनत रिश्तों का,
उच्च प्रेम में लेने की चाह नहीं,
चाहत है केवल देने की,
उच्चतम प्रेम में अधिकार का स्थान नहीं,
प्रेम एहसास है,
धोखा-छल का सवाल नहीं,
प्रेम प्रेरणा है,
जो लिखता दास्तां है सफलता की,
प्यार का चक्रव्यूह नहीं लेन देन का,
यह तो नहीं आँडिट खान पान कीटि-पार्टी का,
प्रेम बेशर्त होता है,
प्रेम मंत्र है खिलते जीवन का,
खुली जगह में रोप़ो बीज प्यार के,
मजबूत दरख्त बने प्यार का दुआ करो हाथ पसार के,
आओ वैलें टाइन डे में,
प्रेम को वैज्ञानिकता से ऊपर लें जायें,
इसकी पावर एनार्जी से,
अपनी सब की सुन्दर दुनिया बसायें,
प्यार से रोशन कर जहाँ,
दुनिया का श्रृंगार बने जायें,
दुनिया का श्रृंगार बन जायें ।
डा0 सुकर्मा थरेजा
क्राइस्ट चर्च कालेज
कानपुर