आलौकिक रिश्ते

शिला लेख से आमिर रहते ये अनूठे रिश्ते,

तेजी से बदलते जिन्दगी के रिश्तों के बीच,

बदलती जरूरतों प्राथमिकताओं के बीच,

नहीं बदलते ये आलौकिक रिश्ते,

माना खुशी जैसा शब्द मात्र होते ये अजीज़ रिश्ते,

ना इन्हे पाने की चाह, ना खोने का डर,

फिर बिंदास मेरे साथ क्यों रहते रग - रग में रिश्ते,

आनन्द शक्ति विजय उल्लास मुझे देते ये रिश्ते,

मेरा आधार, वजूद है ये अनमोल रिश्ते,

गमी खुशी में सम्बल देते ये असमानी रिश्ते,

सात जनम तक साथ देते ये पक्के रिश्ते,

वक्त - वक्त पर अन्तःकरण से बोलते ये खूबसूरत रिश्ते ।

बहुत ही दुआ और अच्छो पिछले करमों से मिलते सुनहरे रिश्ते ।

डा0 सुकर्मा थरेजा

क्राइस्ट चर्च कालेज

कानपुर