वानस्पतिक नाम – Tinospora cordifolia (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया)
सामान्य नाम – गिलोय
कुल – Menispermaceae (मेनिस्पर्मेसी) - गुडूची कुल
स्वरूप – बहुवर्षायु, झाड़ीदार लता
गुण-कर्म:-
गुण – गुरू, स्निग्ध
रस – तिक्त, कषाय
वीर्य – उष्ण
विपाक – मधुर
प्रभाव – त्रिदोषशामक
*रसायन *संग्राही *बलकारक *अग्निदीपक
प्रयोज्य अंग – काण्ड
मात्रा – क्वाथ – 50 - 100 मि.ली.
सत्व – 1 - 2 ग्राम
चूर्ण – 3 - 5 ग्राम
प्रयोग-
रसायन रूप में - मण्डूकपर्णी स्वरस, यष्टिमधु चूर्ण, गुडूची स्वरस तथा शंखपुष्पीकल्क दुग्ध से प्रयुक्त करते हैं।
जीर्ण ज्वर में गुडूची क्वाथ अथवा स्वरस में छोटी पिप्पली व मधु मिलाकर प्रयोग करते हैं।
प्रमेह में गुडूची स्वरस, मधु के साथ प्रयुक्त करते हैं।
कामला में पत्तों का कल्क, तक्र से लेना चाहिए।
गिलोय से सिद्ध तेल दुग्ध के साथ लेने से वातरक्त दूर होता है।
प्लीहा वृद्धि में गुडूची मूल, तण्डुलाम्बु से ग्रहण करते हैं।