Dhanvantari Vatika / धन्वन्तरि वाटिका
Department of Ayurveda and Holistic HealthDev Sanskriti Vishwavidyalaya, HaridwarDhanvantari Vatika / धन्वन्तरि वाटिका
वानस्पतिक नाम – Withania somnifra (विथानिया सॉम्निफेरा)
सामान्य नाम – असगंध
कुल – Solanaceae (सोलनसी) - कण्टकारी कुल
स्वरुप – झाड़ीदार रोमश क्षुप 1- 5 फुट ऊँचा
गुण - कर्म:-
गुण – लघु, स्निग्ध
रस – तिक्त, कटु, मधुर
वीर्य – उष्ण
विपाक – मधुर
प्रभाव – कफ-वात-शामक
*बलकारक * अत्यन्त शुक्रवर्धक * रसायन * श्र्वित्र नाशक * शोथहर
प्रयोज्य अंग – मूल
मात्रा – चूर्ण - 3 - 5 ग्राम
प्रयोग –
अश्वगंधा चूर्ण घॄत व मधु मिलाकर शरद ॠतु में दुग्ध से लेने पर वॄद्ध व्यक्ति भी पुनर्यौवन प्राप्त कर सकता है।
श्वास रोग में अश्वगंधा का क्षार घृत व मधु से लेना चाहिए ।
अनिद्रा में अश्वगंधा चूर्ण शर्करा मिलाकर घृत से लेते हैं।
अश्वगंधा व विभीतकी चूर्ण को गुड़ मिलाकर गुनगुने जल से लेने से वातज ह्रदयरोग दूर होता है।
अश्वगंधा क्वाथ से मूत्राघात दूर होता है।