व *
वखी-वहाँ
वख -वहां
वबरि (भूतल)
वर्ता, वर्ति-बटी हुई रस्सी
वखम -वहां पर
वखि -वहीं
वरलु - इधर वाला , इसतरफ वाला
वर्ता ,वर्ति- बटी हुई रस्सी
वल्या -पल्या -अगल -बगल के
वडगु- (रिंगाल का टोकरा जिसमें मिट्टी, गारा या गोबर उठाया जाता है)
वरलु- इधर वाला, इस तरफ वाला
वर्ता, वर्ति- बटी हुई रस्सी
वल्या- पल्या- अगल-बगल के
वाड़ि-सगोड़ि- वाटिका, फल-सब्जियों का बगीचा
वगाण = फूलना (रोति आदि)
वथ्यार = व्श्राम का कार्य खासकर बकरियों से समन्धित
वअण = बड़ा छेद
वालार- नीचे
वाकाव-चड़ाई
वाक् (वाणी)
वाड़ि- सगोड़ि- वाटिक ,फल-सब्जियां का बगीचा वाडु -खेत में बंटवारे या सीमा का पत्थर
वाड़ि- (मकान में रोशनी के लिए लगाया गया पत्थर)
वाडु- खेत में बंटवारे या सीमा का पत्थर
विहाणी = शादी के योग्य
विराज्ये (पु०), विराळि (स्त्री०)-बिल्ली
विखळाण/ विकुळ =अरुचि
वी
वीमे - वहां पर
वीर्यौण =किसी कार्य को शुरु करना
वीटा= उलटा
वीणा= जागृत स्तिथि
वेकु-उसका
वै
वैक - उसका
वैकि -उसकी
वैकु -उसका