ड*

  • डमार- दो बड़े पत्थरों के बीच मैं जो बडी सुरंग होती है

  • डयूटि,काम -कतर्व्य ,कार्य

  • डामर-हल से जोते हुए मैं बिना जोति हुई भूमि रेखाएं

  • डंक्वाणी- चालबाजी से पहुंचाया गया नुकसान

  • डंगड्यौण- कमजोरी से हिलना या कांपना, लड़खड़ाना या डगमग करना

  • डंगड्यौण- पीटना, लाठी से पीटना

  • डंगर- मवेशी

  • डंग्यांण- पत्थरों वाला स्थान

  • डंड- भारी भरकम, पूरा भरा हुआ

  • डंडेर- डोलीवाहक, पालकी पाहक, कहार

  • डंड्याळि- उपरी तल का बरामदा

  • डंड्याळु-उपरी तल का बरामदा

  • डंड्वाक- पहाड़ी भालू

  • डकमताळ- घूंसा, जोर से प्रहार

  • डटण- खाना खाना, डटना

  • डणक्वा, डणख्वा- बेवजह भटकने वाला, आवारा

  • डणखण, डळखण- आवारगी

  • डनड्याळी- मकान की पहली मंजिल पर बना बरामदा

  • डनड्याळु-- मकान की पहली मंजिल पर बना बरामदा

  • डबखण- निरर्थक घूमते रहना

  • डब-डब- व्यर्थ में, बेवजह

  • डबडुब- लबालब, भरा हुआ

  • डबड्याट-भटकाव

  • डबड्याणु-भटकाना

  • डबड्यौण- भटकन

  • डबळट- आंख भर आना, आंसू भर आने की स्थिति

  • डमक- हाथ की चोट, घूंसा

  • डकमताळ- घूंसा, जोर से प्रहार

  • डक्वति = झूटी बाते, शेखी

  • डडैल = वस्तु को तेल में पकाने के बाद वर्तन में बचा तेल

  • डळघास = पेड़ों की पत्तियाँ जो घास के काम आती है , चारे के पेड यथा भीमल, खड़ीक

  • डमराण = सीं पर सीं हल न लगाकर ऐसे ही बेतरतीब हल लगाना


  • डाळो (पु०), डाळि (स्त्री०)-पेड़

  • डांडा, डांडु- पहाड़, पर्वत

  • डांग- बड़ा पत्थर

  • डांडा- डुंकार- शैल-शिखर

  • डांडि- पहाड़ी, छोटे पर्वत

  • डाकवाण- डाकिया

  • डाखाना- डाकखाना, डाकघर

  • डाम- बांध

  • डार- झुंड, समूह, कतार

  • डाळ- डाल, वृक्ष, बारिश या ओलों की बैछार, फेंक, गिराओ

  • डाळि- छोटे वृक्ष

  • डांसि = नुकसान

  • डांडरा, डांडर, डांडण = हल लगे दो स्यूं के बीच की बिन जुती जमीन

  • डाबर = जंगल

  • डार = झुण्ड , समूह, कतार


  • डिमड्याट- (कच्चे फर्श में की गई उछल-कूद से उत्पन्न ध्वनि)

  • डिंडलु- नदि पार करने के लिए रस्सी वाली डोली

  • डिवांलु- किनारा, छोर

  • डिंवाला- किनारे, नीचे की ओर

  • डिगचि- बर्तन

  • डिगड्याण- विचलित होना, अस्थिर होना, हिलना

  • डिंगड्यौण-विचलित करना,हिलाना

  • डिगलु- लबादा, मोटा ऊनी वस्त्र

  • डिग्गी- पानी का टैंक, टंकी

  • डिपाडिपि- किनारे-किनारे

  • डिप्पु- डिपो, गोदाम

  • डिबजनृ- श्रेणी

  • डिबलि- बृतन

  • डिमका- डिमकि- उछल-कूद, धमाचैकड़

  • डिम्कण-उछल-कूद करना, धमाचैकड़ी

  • डिलकण- आवारागर्दी करना, बेवजहा घूमना

  • डिगण = किसी खाद्य पदार्थ की तीब्र इच्छा

  • डिलारू = खेत में मिटटी के ढेल़े फोड़ने का लकड़ी का टुकड़ा


  • डीट = नजर, दृष्टि

  • डीप = नीचे की ओर का किनारा


  • डुकरताळ-गर्जना, हुंकार

  • डुकरताळ- (गुर्राहट, गर्जना)

  • डुकरा-डुकरि- गर्जन- तर्जन

  • डुड्डि- दहाड़, चीख

  • डुकाण = गाय/भैंस के थानों में स्वाभाविक रूप से दूध उतर आणा

  • डुकौणु - गाय/भैंस के स्तनों को मलासना जिससे दूध उतर जाय



  • डूंडि- लंगड़ी, तिरछी

  • डूंडु- लंगड़ा, तिरछा

  • डेग- डेगची, बर्तन

  • डैगु-खंभा

  • डोल्ला- (डोली)

  • डलोणी- (फसल की पैदावार नापने के लिए लगभग 16 किलो की टोकरी)

  • डोल्योर- डोलीवाहक, पालकीपाहक, कहार

  • डोंर्या - डमरू बजाने वाला

  • डोंर्या (Dounryaa ) =समूह में सबसे ताकतवर या बड़ा


  • डौडि, डौळ्या,गंजु,कतन्युं -गंजा ,गंजी

  • डौर-डर

  • डौंडो- झूठी खबर

  • डांग-निश्किर्य चटान

  • डंडयाला-उपरितल का अग्र खुला बरामदा

  • डांडा-उंचा पहाड़

  • डांग- चट्टान

  • डंग्याण- (पथरीला स्थान)

  • डांग- (बडा पत्थर)

  • डंडी/पिनस- (पालकी)

  • डंड्याळि, डिंड्याळि-ऊपरी मंजिल का खुला बरामदा

  • डंक्वाणी- चालबाजी से पहुंचाया गया नुकसान

  • डंगड्यौण- कमजोरी से हिलना या कांपना, लड़खड़ाना या डगमग करना

  • डंगड्यौण- पीटना, लाठी से पीटना

  • डंगर- मवेशी

  • डंग्यांण- पत्थरों वाला स्थान

  • डंड- भारी भरकम, पूरा भरा हुआ

  • डंडेर- डोलीवाहक, पालकी पाहक, कहार

  • डंड्याळि- उपरी तल का बरामदा

  • डंड्याळु-उपरी तल का बरामदा

  • डंड्वाक- पहाड़ी भालू

  • डांडा, डांडु- पहाड़, पर्वत

  • डांग- बड़ा पत्थर

  • डांडा- डुंकार- शैल-शिखर

  • डांडि- पहाड़ी, छोटे पर्वत

  • डिंडलु- नदि पार करने के लिए रस्सी वाली डोली

  • डिवांलु- किनारा, छोर

  • डिंवाला- किनारे, नीचे की ओर

  • डिंगड्यौण-विचलित करना,हिलाना

  • डूंडि- लंगड़ी, तिरछी

  • डूंडु- लंगड़ा, तिरछा

  • डौंडो- झूठी खबर

  • डंक्वणि = चालाकी से पंहुचाया ग्या नुकसान

  • डंग्याण = पत्रों वाली जगह

  • डंड्वाक = पहाड़ी भालू

  • डंणसिलु = दूसरों को सहन न करने वाला



ड्

  • ड्ळू-ढुंगु-पत्थर

  • ड्वींटा- (जानवरों को 'पिंडा' खिलाने के लिए बना काष्ठ पात्र)

  • ड्वैंटा, ड्वणेटु , द्वणेटु = तेल पिराने के लिए प्रयुक्त लकड़ी